इस बार खास होगी सरकारी कर्मचारियों की दीवाली, सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू

इस बार खास होगी सरकारी कर्मचारियों की दीवाली, सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू

Tejinder Singh
Update: 2018-07-18 12:44 GMT
इस बार खास होगी सरकारी कर्मचारियों की दीवाली, सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के सरकारी कर्मचारियों की सातवें वेतन आयोग की सिफारिश के अनुसार वेतन की मांग पूरी होने वाली है। आगामी दीपावली से राज्य में सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू हो जाएगी। राज्य के वित्त व वन मंत्री सुधीर मुनगंटीवार ने यह जानकारी दी है। बुधवार को पत्रकारों से चर्चा के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि इससे राज्य के खजाने पर 21530 करोड़ का भार पड़ेगा। उन्होंने बताया कि पिछली सरकार के दौरान कुल आय का 45 फीसदी हिस्सा वेतन व पेंशन पर खर्च होता था जिसे हमने घटा कर 45 फीसदी किया था। पर सातवें वेतन आयोग के अनुसार वेतन देने से इसमे काफी बढ़ोतरी होगी।

पिछड़े इलाकों के साथ न्याय कर रहे हम
एक सवाल के जवाब में मुनगंटीवार ने कहा कि हमारी सरकार ने विदर्भ के साथ न्याय किया है। इस पर कुछ लोगों को आपत्ति भी रहती है। उन्होंने कहा कि आखिर कुछ तो कमी रही होगी, जिसकी वजह से राज्य के कई इलाके पिछड़े रह गए। मुनगंटीवार ने कहा कि पुणे में एक आदमी भी मनरेगा में काम करने के लिए नहीं मिलता, जबकि विदर्भ-मराठवाड़ा में ऐसी स्थिति नहीं है। इससे पता चलता है कि विकास की दौड़ में कई इलाके किस तरह पिछड़े हैं।

वन क्षेत्र बढ़ाने में मिल रही सफलता
वन मंत्री मुनगंटीवार ने कहा कि राज्य के 4 जिलों को छोड़कर महाराष्ट्र के बाकी जिलों में मानक के अनुसार 33 फीसदी वन क्षेत्र नहीं है पर हमें वन क्षेत्र बढ़ाने में मदद मिल रही है। राज्य में बांस के क्षेत्र में 4462 वर्ग किलोमीटर की बढ़ोतरी हुई है। मैंग्रोव के मामले में महाराष्ट्र देश मे पहले क्रमांक पर है।

वृक्षारोपण के लिए रेलमंत्री पीयूष गोयल से भी हमारी चर्चा हुई है। रिलायंस समूह के मुकेश अंबानी ने भी वृक्षारोपण अभियान में सहयोग का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि राज्य में वृक्षारोपण का अमेरिकन विश्विद्यालय अध्ययन करेगा। पेड़ों की ड्रोन से मॉनिटरिंग सहित कई नई तकनीक के इस्तेमाल पर विचार किया जा रहा। राज्य में बाघों की संख्या तेजी से बढ़ी है। जय बाघ के गायब होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि विदर्भ के आसपास 13 टाइगर रिजर्व हैं। हर साल ताडोबा से 15 से 17 बाघ अपनी जगह बदल लेते हैं। 

 

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