हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बंगले की सुरक्षा में बड़ी चूक, युवक घुस गया बंगले के अंदर

हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बंगले की सुरक्षा में बड़ी चूक, युवक घुस गया बंगले के अंदर

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-05 08:27 GMT
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बंगले की सुरक्षा में बड़ी चूक, युवक घुस गया बंगले के अंदर

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। यहां सिविल लाइन थाना क्षेत्र स्थित हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बंगले की सुरक्षा व्यवस्था में बड़ी चूक सामने आई है। पिछली शाम बंगले में एक अनजान युवक घुस गया और बरामदे तक पहुंच गया। यह कुछ और आगे बढ़ पाता इसके पहले ही सुरक्षा कर्मियों ने इसे दबोच लिया। सुरक्षा में चूक होने पर पांच सुरक्षा कर्मियों को सस्पेंड कर दिया गया है साथ ही बंगले की सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।

इस संबंध में बताया गया है कि पिछली रात एक सिरफिरा युवक सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर चीफ जस्टिस बंगल में घुस गया। युवक गेट से बरामदे तक पहुंचा उसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने उसको पकड़ा। मामले को लेकर पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। जानकारों के अनुसार सुरक्षा में हुई चूक को गंभीरता से लेते हुए बंगले में तैनात एसपीएफ की पूरी टीम को सस्पेंड कर दिया गया है।

5 सदस्य टीम दिन रात तैनात रहती है
सिविल लाइन पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार थाना क्षेत्र स्थित सीजे बंगले में ऐसे एस के 5 सदस्य टीम दिन रात तैनात रहती है। पिछली शाम 7:00 बजे करीब सुरक्षाकर्मियों की नजरों से बचता हुआ सिरफिरा बंगले के मुख्य गेट के अंदर प्रवेश कर बरामदे तक पहुंच गया तब कहीं जाकर सुरक्षाकर्मियों की नजर उस पर पड़ी और उन्होंने तत्काल ही उसे दबोच लिया। सुरक्षाकर्मियों द्वारा इसकी सूचना तत्काल सिविल लाइन पुलिस को दी गई।

सूचना पाकर सेल लाइन टीआई अपने अमले के साथ सीधे पहुंचे पुलिस ने युवक से पूछताछ की तो उसने अपना नाम रीवा निवासी राज लाल शापित बताया पूछताछ के बाद उसे थाना लाया गया वही सुरक्षाकर्मी निलेश चौहान की रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी के खिलाफ फोर फाइव सिक्स के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस के अनुसार उक्त युवक मानसिक रूप से विक्षिप्त है जिसका चिकित्सीय परीक्षण कराया जा रहा है।

पांच सस्पेंड 
इधर इस घटना की जानकारी लगने पर पर बंगले पर तैनात हवलदार रायसेन आरक्षक निलेश चौहान आरक्षक उमेश यादव शंकर व संतोष दांगी को सस्पेंड कर दिया गया है। इस घटना को गंभीरता से लेते हुए सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को पत्र लिखने की बात कही गई है।

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