स्वाइन फ्लू से जबलपुर में एक मौत, इलाज के दौरान मेडिकल में महिला ने तोड़ा दम 

स्वाइन फ्लू से जबलपुर में एक मौत, इलाज के दौरान मेडिकल में महिला ने तोड़ा दम 

Bhaskar Hindi
Update: 2019-07-31 09:32 GMT
स्वाइन फ्लू से जबलपुर में एक मौत, इलाज के दौरान मेडिकल में महिला ने तोड़ा दम 

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। जबलपुर मेडिकल कॉलेज के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती स्वाइन फ्लू पीड़ित महिला को बचाया नहीं जा सका । सांस लेने में तकलीफ होने के कारण उसे 2 दिन वेंटिलेटर पर रखा गया था । नरसिंहपुर निवासी 26 वर्षीय उक्त महिला की मौत के साथ ही इस मानसूनी सीजन में स्वाइन फ्लू से यह पहली मौत भी दर्ज हुई है । मौसम में नमी के कारण एन1 एच1 वायरस तेजी से सक्रिय हो रहा है ,पड़ोसी जिलों में इसका प्रभाव बढ़ रहा है। 

पीडि़त गंभीरता से इलाज नहीं कराते 

चिकित्सकों चिकित्सकों का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्रों में इस वायरस से प्रभावित होने के बाद प्रारंभिक लक्षणों को मौसम का असर मानकर पीडि़त गंभीरता से इलाज नहीं कराते हैं और हालत गंभीर होने पर मेडिकल अस्पताल पहुंचते हैं । विशेषज्ञ डॉक्टर कहते हैं कि नमी के इस मौसम में सांस लेने में तकलीफ होने पर खून व कफ की जांच कराई जानी चाहिए इसकी अनदेखी बाद में घातक सिद्ध होती है।

आयुष विभाग सक्रिय 

डेंगू चिकनगुनिया की रोकथाम के लिए भले ही स्वास्थ्य विभाग तैयारी कर रहा हो लेकिन आयुष विभाग इस दिशा में सक्रिय हो गया है । जिला आयुष अधिकारी डॉ अर्चना मरावी के निर्देशन में जिला आयुष कार्यालय में डेंगू चिकनगुनिया मलेरिया की दवा का नि:शुल्क वितरण किया गया । 935 लोगों ने शिविर से दवाएं प्राप्त की, इस दौरान डॉ आलोक कुमार ने भी अपनी सेवाएं दी। 

बीमारी के मुहाने पर है शहर 

रुक-रुक कर हो रही बारिश से शहर में कई बस्तियों में पानी जमा हो गया है । वहां गंदगी के कारण मच्छरों की सोच बहुत तेजी से बढ़ रही है । ऐसी स्थिति में मौसम के साथ ही मच्छरों के काटने से होने वाले संक्रामक रोगों में भी बढ़ोतरी हो रही है । घनी आबादी वाली बस्तिओं में बुखार सर्दी जुकाम के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है । इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि यहां की क्लीनिक एवं डॉक्टर के छोटे-मोटे दवाखाना में सारे दिन भीड़ लगी रहती है । मलेरिया विभाग में ऐसे क्षेत्रों को अभी तक चिन्हित नहीं किया गया , वहीं नगर निगम द्वारा भी सफाई के कोई कार्य नहीं किए जा रहे हैं। गंदगी और पानी के जमाव से मच्छरों के बढऩे से स्थिति और खतरनाक हो सकती है ।
 

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