जशपुरनगर : स्व-सहायता समूह की महिलाएं अणुसा संग्रहण करके गौठान में औषधि का कर रही है निर्माण

जशपुरनगर : स्व-सहायता समूह की महिलाएं अणुसा संग्रहण करके गौठान में औषधि का कर रही है निर्माण

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-12-26 08:36 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क, जशपुरनगर। वन विभाग द्वारा औषधि निर्माण के लिए मशीन उपलब्ध कराया गया है समूह की महिलाओं ने कुल 23 किलोग्राम अणुसा का चूर्ण तैयार किया है। जशपुर जिला एक वनसंसाधन से जुड़ा हुआ जिला। यहां चारों ओर वनों से अच्छादित है। नदी, पहाड़ झरने, हरे-भरे वृक्ष प्रकृति की शोभा बड़ा रहे है। जहां पर्याप्त मात्रा में वनोपज उपलब्ध है। कलेक्टर श्री महादेव कावरे के मार्गदर्शन एवं जनपद सीईओ श्री प्रेम सिंह मरकाम के निर्देश निर्देश में जशपुर विकासखंड के ग्राम पचंायत गम्हरिया की शारदा महिला स्व-सहायता समूह द्वारा गौठान में वन विभाग के अभिसरण के माध्यम से अणुसा संग्रहण कर रही है और उसे औषधि के रूप में बनाया जा रहा है। जिसका उपयोग मुख्य रूप से श्वस्न संबंधित बिमारियों को दूर करने हेतु किया जाता है। वर्तमान में कोरोना महामारी को दूर करने के लिए भी औषधि का उपयोग किया जा रहा है। वही ंशारदा स्व-सहायता समूह की महिलाएं अपना एक आय के रूप में रोजगार प्राप्त कर रही है। स्व-सहायता समूह में रोजगार प्राप्त कर रही है और समूह को रोजागर मिल रहा है। वनमण्डलाधिकारी श्री कृष्ण जाधव के द्वारा वन विभाग सेेें मशीन भी उपलब्ध कराया गया है। युवा वैज्ञानिक समर्थ जैन महिलाओं को निर्माण के लिए मार्गदर्शन देते रहते है। शारदा स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष हीरामुनी भगत तथा सचिव सुमित्रा देवी ने छत्तीसगढ़ शासन और जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा है कि रोजागर के रूपमें अच्छा अवसर मिला है वनांचल में औषधि बनाकर उसका उपयोग भी किया जा रहा है। समूह में कुल 10 सदस्य हैं। उन्होंने बताया कि सभी महिलाओं के द्वारा अणुसा पत्ती सगं्रहण कर इसे वन विभाग को सौंपा जाता है। जिसका वन विभाग के माध्यम से 15 रुपए प्रति किलोग्राम के दर से समूह को भुगतान किया जाता है। अभी तक समूह द्वारा 11 क्विंटल संग्रहण किया गया है जिसका कुल मूल्य 16,500 है तथा इसी पत्ती का मशीन के माध्यम से चूर्ण रूप तैयार किया जाता है। जिसका बाजार मूल्य 2500 रुपए प्रति किलोग्राम है। महिलाओ ंने बताया कि वर्तमान में कुल 23 किलोग्राम चूर्ण तैयार किया गया है जिसका कुल मूल्य 57,500 रुपए है। इस तरह समूह की महिलाएं अपना आय अर्जित कर आत्मनिर्भर बन रही है। निर्माण में विकासखंड परियोजना प्रबंधक श्री योगेन्द्र सिंह, विकास विस्तार अधिकारी श्री आर.आर.भगत सहयोग करते हैं।

Similar News