बेबसी का सफर -गुजरात से अनूपपुर लौटे एक दर्जन मजदूरों ने सुनाई लॉकडाउन की व्यथा

बेबसी का सफर -गुजरात से अनूपपुर लौटे एक दर्जन मजदूरों ने सुनाई लॉकडाउन की व्यथा

Bhaskar Hindi
Update: 2020-05-18 10:31 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क अनूपपुर । कोरोना संक्रमण के कारण देश के दूसरे राज्यों में मजदूरी कर जीविकोपार्जन करने वाले मजदूर अपने अपने घरों को लौटे हैं। अनूपपुर जिले से होकर अब तक 10 हजार से ज्यादा मजदूर अपने घरों को जा चुके हैं। दूसरे राज्यों से छत्तीसगढ़ लौटने वाले और अलग-अलग राज्यों से उत्तर प्रदेश, बिहार व अन्य राज्यों में जाने वाले श्रमिकों का सिलसिला बदस्तूर जारी है।
   अनूपपुर जिले के पुष्पराजगढ़ के अलग-अलग गांव में रहने वाले अंतरा, धनपत सिंह, अरुण सिंह, गेहन सिंह, अनुराधा, सुमित्रा, गोमती, मंगली, संतोषी, गोमती और सुशीला तथा अरुण कुमार गुजरात से 17 मई की दोपहर अनूपपुर लौटे हैं। उन्होंने बताया कि वे गुजरात के अमरेली जिले में धागा फैक्ट्री में मजदूरी करते थे। 22 मार्च से लाकडाउन शुरू हुआ। पहले तो ठेकेदार ने आश्वासन दिया कि वह उनके रहने और भोजन की व्यवस्था करेगा। उसने कुछ रुपए भी दिए गए, लेकिन जब दूसरी बार लॉक डाउन बढ़ा और खाने-पीने की दिक्कत होने लगी तब इन मजदूरों ने वापसी की योजना बनाई। पहले पैदल चलने का विचार किया लेकिन समूह में महिलाओं की संख्या को देखते हुए पैदल नहीं निकले। अरुण कुमार ने बताया कि अमरेली से लेकर मध्यप्रदेश के झाबुआ तक आने के लिए एक बस तैयार हुई। बस मालिक ने प्रत्येक व्यक्ति 1500 रुपए का किराया लेने की बात कही। 50 दिन से बगैर काम धंधे पर बैठे मजदूरों ने अपनी जमा पूंजी दो वक्त की रोटी में गवा दी। जैसे-तैसे रुपयों का जुगाड़ किया और उसके बाद मध्य प्रदेश के 50 मजदूरों को लेकर वह बस झाबुआ तक आई। फिर राज्य शासन की ओर से उपलब्ध कराई गई से अनूपपुर पहुंचे हैं।्र
अब कभी गांव-घर छोड़कर नहीं जाएंगे
मजदूरों के समूह में शामिल महिलाओं ने बताया कि जब से उन्होंने अमरेली से चलना शुरू किया। तब से लेकर मध्य प्रदेश की सीमा में पहुंचने तक सुरक्षा और सफर के पूरे होने पर होने का संशय बना हुआ था। न तो खाने का कोई ठिकाना था और न ही अन्य किसी तरह की कोई व्यवस्था थी। उनका कहना था, जिस तरह के हालात उन्होंने देखे हैं, अब वे अपने ही गांव में रहकर मजदूरी करेंगे। दोबारा अपना गांव, अपना घर छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे।
उमरिया में अब तक 6144 श्रमिक वापस आए 
उमरिया
जिले में प्रदेश के अन्य जिलों तथा अन्य प्रांतों से प्रवासी मजदूरों के वापस आने का सिलसिला जारी है। तहसीलदार दिलीप सिंह ने बताया कि अभी तक जिले में 6144 मजदूर वापस आ चुके हंै। 17 मई को अद्र्धरात्रि में पूना महाराष्ट्र से श्रमिक वापस आए हैं। इन श्रमिकों का जिला मुख्यालय स्थित डाइट सेंटर में स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इनके भोजन एवं ठहरने की व्यवस्था कराई गई। इसके बाद श्रमिको को विशेष वाहनों से उनके गंतव्य स्थान तक छोड़ा गया। उन्होंने बताया कि इंदौर एवं पीथमपुर से जो लोग निजी वाहन से वापस लौटे हंै। उन सभी का भी स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया गया है।
 

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