जस्टिस लोया की मौत को लेकर याचिका दायर, 22 को सुनवाई संभव

जस्टिस लोया की मौत को लेकर याचिका दायर, 22 को सुनवाई संभव

Anita Peddulwar
Update: 2018-01-17 04:52 GMT
जस्टिस लोया की मौत को लेकर याचिका दायर, 22 को सुनवाई संभव

डिजिटल डेस्क,नागपुर। CBI के स्पेशल जज बृजमोहन लोया की संदेहास्पद मृत्यु प्रकरण की जांच करने के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन करने की मांग को लेकर फौजदारी रिट याचिका मंगलवार को नागपुर खंडपीठ में दाखिल की गई। इस प्रकरण में  22 जनवरी को सुनवाई  संभव है। एड. योगेश नागपुरे ने यह याचिका दाखिल की है। विविध समाचार पत्रों में परस्पर विरोधी खबरों के कारण न्यायाधीश लोया की मृत्यु को लेकर सस्पेंस बढ़ गया है। याचिका में कहा गया है कि प्रकाशित खबरों के आधार पर लोया की मृत्यु से संबंधित कागजात नष्ट करने और मिटाने का प्रयास दिखाई देता है। जिस कारण उनकी मृत्यु प्रकरण को लेकर संदेह निर्माण हो रहा है।

गवाहों की जान भी खतरे में
प्रकरण से संबंधित गवाहदारों को भी प्रभावित करने का संदेह व्यक्त किया जा रहा है। उनकी जान को खतरा भी हो गया है। न्यायाधीश सिर्फ नागरिक नहीं, बल्कि एक सार्वजनिक व्यक्तित्व भी है। उनकी मृत्यु को लेकर उत्पन्न संदेह न्यायपालिका के विश्वास को ठेस पहुंचाने वाला है। लोया की मृत्यु से संबंधित प्रत्येक बात नागरिकों को जानने का अधिकार है। संबंधित कागजातों से छेड़छाड़ न हो, इसकी मांग भी याचिका में की गई है। एड. नागपुरे ने प्रकरण से संबंधित सभी कागजात कोर्ट में पेश करने और संपूर्ण प्रकरण की जांच के लिए एसआईटी गठित करने की मांग की है। बता दें कि, मुंबई में बृजमोहन लोया सीबीआई की विशेष न्यायालय के जज थे। 1 दिसंबर 2014 को वे नागपुर में थे। रविभवन में रुके थे। रविभवन में उनकी संदेहास्पद मृत्यु होने से SIT गठित कर जांच की मांग की गई है।

मेडिकल रिपोर्ट में हार्टअटैक बताई थी मौत की वजह
जज बृजमोहन लोया की मौत  पर नागपुर पुलिस का कहना है कि इस केस की फाइल उसी समय जांच के बाद बंद कर दी गई थी। शहर के सह पुलिस आयुक्त शिवाजी बोडखे ने बताया कि जज लोया की मौत 1 दिसंबर 2014 को हुई थी। उन्हें बेहोशी की हालत में अस्पताल ले जाया गया था, जहां मृत घोषित कर दिया था। उस समय सदर थाने में आकस्मिक मृत्यु (मर्ग) का मामला दर्ज किया गया था। उनके शव का पोस्टमार्टम किया गया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इस बात का जिक्र था कि उनकी मौत हार्टअटैक से हुई थी। इसके बावजूद पुलिस ने उस समय उनकी विसरा जांच कराई थी। विसरा रिपोर्ट में भी मौत का कारण हार्टअटैक ही बताया गया। उसके बाद पुलिस ने इस प्रकरण की केस फाइल को बंद कर दिया था।  

 

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