कोरबा : धान की फसलों की सुरक्षा के लिये भूरा माहो, तना छेदक और नेकब्लास्ट बीमारियों की रोकथाम के लिए कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दिया गया सलाह

कोरबा : धान की फसलों की सुरक्षा के लिये भूरा माहो, तना छेदक और नेकब्लास्ट बीमारियों की रोकथाम के लिए कृषि वैज्ञानिकों द्वारा दिया गया सलाह

Aditya Upadhyaya
Update: 2020-10-27 07:39 GMT
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डिजिटल डेस्क, कोरबा। 26 अक्टूबर 2020 कोरबा जिले में वर्तमान समय में खरीफ सीजन में धान के फसल में भूरा माहो, तना छेदक तथा नेकब्लास्ट आदि कीट का प्रकोप देखा जा रहा है। कृषि विभाग के अधिकारी एवं कृषि वैज्ञानिकों द्वारा जिले के संयुक्त क्षेत्रों का भ्रमण करने के दौरान कीट का प्रकोप देखा गया है। जिले के किसानों को धान के फसलों को बीमारियों से बचाने के लिये जरूरी कीटनाशकों का उपयोग करने की सलाह दी जा रही है। जिले के कुछ क्षेत्रों में भूरा माहो की भी समस्या देखने को मिल रही है। भूरा माहो धान की बहुत की नुकसान दायक कीट है जो धान के तने से रस चूस कर बहुत तेजी से नुकसान पहुंचाती है। वातावरण में उसम होने के कारण भूरा माहो का प्रकोप बढ़ जाता है। कीट प्रकोप की तीव्रता होने पर फसल झुलसा सा प्रतीत होता है तथा पूर्णतः सूख जाती है। भूरा माहो के नियंत्रण के लिये कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को बुप्रोफीजीन 25 प्रतिशत चार सौ मिलीलीटर प्रति एकड़ या फेनोबुकार्ब 400 मिली प्रति एकड़ छिड़काव करने की सलाह दी गयी है। उपसंचालक कृषि श्री जनक देव शुक्ल ने बताया कि तना छेदक धान की फसलों में लगने वाली हानिकारक कीट है। यह कीट की इल्ली फसल को कंसा एवं गभोट तथा बाली की अवस्था में तने के अंदर घुस कर खाती है। कीट के कारण सूखा तना एवं सूखी बालियां बनती है तथा खींचने पर आसानी से बाहर निकल जाती है। तना छेदक से बचाव के लिये धान में प्रारंभिक अवस्था में क्लोरोपाइरीफास साइपरमेथ्रिन पांच प्रतिशत 20 मिली प्रति एकड़ या कोराजन 60 मिली प्रति एकड़ छिड़काव करने की सलाह दी गयी है। इसी प्रकार धान में नेकब्लास्ट का प्रकोप होने पर आवश्यक सावधानी बरतने तथा इसके नियंत्रण के लिये कारबंेडाजीम 150 ग्राम प्रति एकड़ छिड़काव करने की सलाह दी गयी है।

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