नेता कुर्सी से बड़े खुश हो जाते हैं, मैं नेता नहीं जनसेवक हूं : सिंधिया

नेता कुर्सी से बड़े खुश हो जाते हैं, मैं नेता नहीं जनसेवक हूं : सिंधिया

Bhaskar Hindi
Update: 2020-02-14 09:19 GMT
नेता कुर्सी से बड़े खुश हो जाते हैं, मैं नेता नहीं जनसेवक हूं : सिंधिया

 ज्योतिरादित्य ने सीएम कमलनाथ पर साधा निशाना - सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने की चेतावनी
डिजिटल डेस्क टीकमगढ़
। नेता लोग कुर्सी से बड़े खुश हो जाते हैं, अपने बारे में नारे सुनते हुए भी बड़े खुश होते हैं। इन्हीं शब्दों के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नाम लिए बगैर मुख्यमंत्री कमलनाथ पर निशाना साधा। सिंधिया गुरुवार को टीकमगढ़ जिले के कुड़ीला गांव में संत रविदास प्राकट्योत्सव समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने अभी सरकार का सिर्फ एक साल होने और आगे हमारी बारी आने की बात कही। बारी नहीं आने पर सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने की चेतावनी भी दी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने समारोह में कहा कि जिंदगी में कभी हमें इस बात से आदि नहीं होना चाहिए कि हमारे नारे लगें, हमारी जय-जयकार हो। जबकि वो जगह एक-एक नागरिक के दिल में हो, यह हमारे जीवन का लक्ष्य होना चाहिए। उन्होंने कहा कि नेता लोग कुर्सी से बड़े खुश हो जाते हैं। अपने बारे में नारे सुनते हुए भी बड़े खुश होते हैं, पर मैं ये कहना चाहता हूं कि नेता को तब खुश होना चाहिए जब जनता खुश होती है। आज आपके बीच में एक नेता नहीं, एक जनसेवक खड़ा है। जो आपके सुख में साथ रहे न रहे, लेकिन दु:ख में कंधे से कंधा मिलाकर साथ में खड़ा है। कार्यक्रम में मप्र शासन के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत, बृजेंद्र सिंह राठौर, इमरती देवी, प्रभुराम चौधरी और प्रदुम्न सिंह तोमर मौजूद रहे। इमरती देवी ने संबोधन में कहा कि आज मैं जो भी हूं, सिंधिया जी की कृपा से हूं।
सरकार को एक वर्ष ही हुआ, बारी हमारी आएगी
सिंधिया ने मंच से कहा कि मेरे अतिथि शिक्षकों को मैं कहना चाहता हूं कि आपकी मांग मैंने चुनाव के पहले भी सुनी थी। मैंने आपकी आवाज उठाई थी और मैं आज आपको ये विश्वास दिलाना चाहता हूं कि आपकी मांग हमारी सरकार के मैनिफेस्टो में है। वो मैनिफेस्टो हमारे लिए हमारा ग्रंथ बनता है। सब्र रखना, अगर मैनिफेस्टो का एक-एक अंक पूरा न हुआ तो अपने आप को अकेला मत समझना आपके साथ सड़क पर ज्योतिरादित्य सिंधिया भी उतरेगा। उन्होंने कहा सरकार अभी बनीं है, एक वर्ष हुआ है। थोड़ा सब्र हमारे शिक्षकों को रखना होगा। बारी हमारी आएगी, ये विश्वास मैं आपको दिलाता हूं और अगर बारी न आए तो चिंता मत करो, आपका ढाल भी मैं बनूंगा और आपका तलवार भी मैं बनूंगा।
 

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