महिला को जिंदा जलाने वाले दो रिश्तेदारों को उम्रकैद की सजा

महिला को जिंदा जलाने वाले दो रिश्तेदारों को उम्रकैद की सजा

Bhaskar Hindi
Update: 2019-01-19 13:00 GMT
महिला को जिंदा जलाने वाले दो रिश्तेदारों को उम्रकैद की सजा

डिजिटल डेस्क, छतरपुर। अदालत ने विवाहिता को जिंदा जलाकर मारने के मामले में सास और ननद को आजीवन कारावास की सजा सुनायी है। वहीं साक्ष्य के अभाव में पति को बरी कर दिया गया है। 

केरोसिन डालकर लगा दी थी आग
27 वर्षीय महिला को केरोसिन जिंदा जलाने के मामले मे कोर्ट ने फैसला दिया है। कोर्ट ने मृतिका की सास और ननद को उम्रकैद की सजा सुनाई है। एडवोकेट लखन राजपूत ने बताया कि रामदेवी विश्वकर्मा की शादी हिम्मतपुरा में रहने वाले हरिप्रसाद विश्वकर्मा के साथ हुई थी। रामदेवी की सास भुमानीबाई और ननद लक्ष्मी उससे छोटी-छोटी बातों को लेकर झगड़ा करती थी। 24 अप्रैल 2016 को दिन 2 बजे सास और ननद ने मिलकर रामदेवी के ऊपर केरोसिन डालकर आग लगा दी थी।

गंभीर हालत में अस्पताल में कराया था भर्ती
रामदेवी के चिल्लाने की आवाज सुनकर उसका पति और गांव के लोग आ गए। गंभीर हालत में उसे अस्पताल ले गए। इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। पुलिस मृतिका के पति हरि और सास, ननद के खिलाफ  मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया। मामला गंभीर प्रकृति का होने से तत्कालीन एसपी ललित शाक्यवार ने इस मामले को जघन्य एवं सनसनी खेज मामले में चिंहित किया। और तत्कालीन एएसपी नीरज पांडे और एडीपीओ केके गौतम ने लगातार इस मामले की मॉनीटरिंग एवं समीक्षा की। पुलिस ने विवेचना के बाद मामला कोर्ट में पेश किया।

यह दिया न्यायालय ने फैसला
चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश नोरिन निगम की कोर्ट ने फैसला दिया है कि 27 साल की मृतिका जिसकी तीन संताने हैं को जिंदा जला कर हत्या की है। ऐसे अपराध में उदारता बरतना न्याय की मंशा नहीं है। कोर्ट ने सास भुमानीबाई और ननद लक्ष्मी को आईपीसी की धारा 302 में आजीवन कारावास के साथ तीन-तीन हजार रुपए के जुर्माना की सजा सुनाई है। कोर्ट ने मृतिका के पति हरि को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया है।

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