राजस्व जुटाने चंद्रपुर से खत्म हो सकती है शराबबंदी, बढ़ी है तस्करी 

राजस्व जुटाने चंद्रपुर से खत्म हो सकती है शराबबंदी, बढ़ी है तस्करी 

Tejinder Singh
Update: 2020-01-16 14:52 GMT
राजस्व जुटाने चंद्रपुर से खत्म हो सकती है शराबबंदी, बढ़ी है तस्करी 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कर्जमाफी और सस्ते खाने के लिए आने वाले खर्च के बोझ को सरकार शराबियों के सहारे उठाना चाहती है। यही वजह है कि राज्य के चंद्रपुर जिले में लगी शराबबंदी जल्द ही खत्म की जा सकती है। इसके अलावा राज्य सरकार शराब की दुकानों को ज्यादा देर तक खुले रखने पर भी विचार हो रहा है। दरअसल कर्जमाफी और सस्ते खाने जैसी योजनाओं के ऐलान के बाद आर्थिक चुनौतियों से जूझ रही सरकार अब राजस्व बढ़ाने के तरीके खोज रही है। सरकार शराब की बिक्री बढ़ाकर ज्यादा राजस्व हासिल करना चाहती है इसीलिए चंद्रपुर में शराबबंदी हटाने पर गंभीरता से विचार हो रहा है। अप्रैल 2015 में चंद्रपुर राज्य का तीसरा जिला बना था जहां शराबबंदी लागू की गई थी। तत्कालीन देवेंद्र फडणवीस सरकार ने जिले में शराब की बिक्री पर रोक लगाते हुए वहां मौजूद 500 दुकानों के लाइसेंस रद्द कर दिए थे। शराबबंदी के चलते साढ़े चार सालों में राजस्व में सरकार को करीब 200 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। उपमुख्यमंत्री अजित पवार के साथ बैठक में राजस्व विभाग के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि चंद्रपुर में शराबबंदी के बाद वहां शराब की तस्करी करीब 10 गुना बढ़ गई है। राजस्व विभाग और पुलिस दोनों के आंकड़े इस बात की पुष्टि करते हैं। ऐसे में शराबबंदी के बावजूद लोगों तक शराब तो पहुंच रही है लेकिन सरकार को राजस्व नहीं मिल रहा है। चंद्रपुर में शराबबंदी बेहद अहम मुद्दा है। 2019 लोकसभा चुनावों के दौरान भी यह चुनावी मुद्दा बना था। 

कहां से आएगा पैसा

सरकार बनाने के बाद मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने किसानों के दो लाख रुपए तक कर्ज माफ करने और आगमी 26 जनवरी से 10 रुपए में खाना देने जैसी योजनाएं शुरू करने का फैसला किया है। लेकिन राज्य पर बढ़ते कर्ज के बीच इन योजनाओं के लिए पैसे देना सरकार के लिए बड़ी परेशानी है। इसीलिए राजस्व बढ़ाने के सभी संभव तरीके खोजे जा रहे हैं। 

शराब की दुकानों के लिए ज्यादा समय

राज्य के बड़े शहरों में फिलहाल शराब की दुकानें रात साढ़े 10 बजे तक खुली रखने की इजाजत है। इसे बढ़ाकर साढ़े 11 बजे तक करने पर भी विचार किया जा रहा है। इसके अलावा नए लाइसेंस जारी करने। रात डेढ़ बजे तक खुले रहने वाले बारों में काउंटर पर शराब बेंचने की इजाजत देने, ड्राइडे घटाने जैसे मुद्दों पर भी विचार किया जा रहा है। वित्तवर्ष 2019-20 में सरकार का लक्ष्य 17477 करोड़ रुपए का राजस्व हासिल करने का है। लेकिन जीएसटी वसूली में कमी के चलते फिलहाल सरकार लक्ष्य से 10 फीसदी पीछे है। राजस्व बढ़ाने के लिए सरकार दूसरे उपायों पर भी विचार कर रही है। 


 

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