बायो-सीएनजी से चलने वाली आपली बस में राज्य के पशुसंवर्धन मंत्री जानकर ने किया सफर

बायो-सीएनजी से चलने वाली आपली बस में राज्य के पशुसंवर्धन मंत्री जानकर ने किया सफर

Anita Peddulwar
Update: 2019-09-08 09:18 GMT
बायो-सीएनजी से चलने वाली आपली बस में राज्य के पशुसंवर्धन मंत्री जानकर ने किया सफर

डिजिटल डेस्क,नागपुर। महानगरपालिका द्वारा चलाई जा रही आपली बस के कुनबे में शामिल बायो-सीएनजी में परिवर्तित बस से महाराष्ट्र के पशु संवर्धन मंत्री महादेव जानकर ने सफर किया। नागपुर में पर्यावरण पूरक यातायात व्यवस्था की सराहना कर उन्होंने राज्य के अन्य शहरों में अमल करने की मंशा व्यक्त की। 

अचानक मनपा पहुंचे

नागपुर आए जानकर अचानक मनपा पहुंचे। उनके आगमन पर सत्तापक्ष नेता संदीप जोशी तथा आयुक्त अभिजीत बांगर ने तुलसी के पौधे देकर स्वागत किया। मनपा द्वारा चलाए जा रहे पर्यावरण पूरक विविध प्रकल्पों पर आयुक्त बांगर के साथ चर्चा हुई। उन्हें बताया गया कि केंद्रीय मंत्री नितीन गडकरी की संकल्पना से मनपा के परिवहन विभाग ने आउट डेटेड 437 डीजल बसों को बायो-सीएनजी में परिवर्तित करने का तय किया है। अभी तक 48 बसों को बायो-सीएनजी में परिवर्तित किया जा चुका है। बायो-सीएनजी बस का प्रत्यक्ष अनुभव लेने के लिए उन्होंने खापरी डिपो से बस में सवार होकर मिहान तक सफर किया।

सफर में मनपा परिवहन समिति सभापति जितेंद्र कुकड़े और मेंटेनेंस मैनेजर अविनाश भुजाड़े ने प्रकल्प की संपूर्ण जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि जो बस भंगार में खड़े किए गए थे, उसे बायो-सीएनजी में परिवर्तित करने पर 200 से 300 करोड़ की मनपा बचत हुई है। वहीं, बस का एवरेज बढ़ने से ईंधन की बचत होकर प्रदूषण से मुक्ति मिल रही है। जानकर के साथ सफर में उपायुक्त राजेश माहिते, परिवहन विभाग के प्रशासकीय अधिकारी रवींद्र पागे, पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. गजेंद्र महल्ले, सहायक प्रभु बोकारे, ट्रैवल्स टाइम्स के प्रबंधक राहुल जाधव, अविनाश भुजाड़े साथ रहे।

इधर निजी बसों से बिगड़ रही ट्रैफिक व्यवस्था चरमराई

शहर से रोजाना छोटे-बड़े 800 से अधिक बसें दौड़ती हैं। इन निजी बसों के कारण शहर का ट्रैफिक व्यवस्था चरमरा जाती है। हैदराबाद, पुणे, मुंबई, औरंगाबाद, बडनेरा, बल्लारशाह, चंद्रपुर, वरोरा, जबलपुर, छिंदवाड़ा, रामटेक आदि शहरों की ओर रोजाना दर्जनों निजी बसें चलती हैं। इसमें 25 हजार से अधिक यात्री सफर करते हैं। इन बसों का कोई एक स्टैंड निश्चित नहीं है। शहर के व्यस्त इलाकों में खड़ी होकर यात्रियों की तलाश होती रहती है। ध्यान रहे 2 अक्तूबर 2018 को एक निजी बस की चपेट में आने से एक मनपा कर्मचारी घायल हुआ था। इलाज के बाद 10 अक्टूबर को उसने दम तोड़ दिया था। इसके बाद हरकत में आई यातायात विभाग ने 48 निजी बसों पर चालान भी किया था। साथ ही इन बसों को शहर के व्यस्त इलाकों में सुबह 6 बजे से रात 10 बजे तक रुकने पर रोक लगाई है।

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