नेहरिया में एक लाख टन के कोयले के स्टाक में चार माह से सुलग रही आग, विजिलेंस ने किया निरीक्षण

नेहरिया में एक लाख टन के कोयले के स्टाक में चार माह से सुलग रही आग, विजिलेंस ने किया निरीक्षण

Bhaskar Hindi
Update: 2018-07-10 14:26 GMT
नेहरिया में एक लाख टन के कोयले के स्टाक में चार माह से सुलग रही आग, विजिलेंस ने किया निरीक्षण

डिजिटल डेस्क, परासिया/छिंदवाड़ा। पेंचक्षेत्र की नेहरिया भूमिगत कोयला खदान के कोल स्टाक में चार माह बाद भी आग सुलग रही है। बारिश और प्रबंधन के आधे अधूरे प्रयास इस आग को बुझाने अब तक विफल साबित हुए हैं। कामगारों द्वारा जान जोखिम में डालकर जमीन की गहराइयों से निकाला गया कीमती कोयला, प्रबंधन की लापरवाही के चलते धू-धूकर जलते हुए राख के ढेर में तब्दील हो रहा है।

हजार टन से अधिक उत्पादन, 800 टन हो रहा परिवहन
नेहरिया खदान में लगभग 11 कामगारों का मेन पावर है, वहीं लगभग 250 ठेकेदारी मजदूर काम करते हैं। यहां प्रतिदिन लगभग एक हजार टन से अधिक कोयला उत्पादन हो रहा है। यहां रोड सेल और सरकारी पावर जनरेट कंपनियों को लगभग 800 टन कोयला प्रतिदिन सप्लाई हो रहा है, जिससे यहां लगातार कोयला का स्टाक बढ़ता जा रहा है। वेकोलि प्रबंधन की लापरवाही से पहले ही उत्पादित कोयला की पूर्ण बिक्री नहीं हुई, अब स्वत: तपन से लगी आग को लंबे अंतराल के बावजूद भी बुझाने में सफलता नहीं मिली है।

अब तक नहीं हुआ नाइट्रोजन का उपयोग
नेहरिया के कोल स्टाक की आग बुझाने अब तक प्रबंधन ने नाइट्रोजन का उपयोग नहीं किया है। इसके उपयोग से आग बुझाना आसान होता है। वहीं प्रबंधन द्वारा मशीन लगाकर जलते कोल स्टाक को अन्य कोल स्टाक से अलग कर उसमें पानी की सिंचाई हो रही है, जिससे अधिक समय लग रहा है।

मार्च माह से सुलग रहा कोल स्टाक
नेहरिया में स्वत: तपन प्रक्रिया द्वारा मार्च माह से कोल स्टाक में आग सुलग रही है। लंबे समय तक खुले में कोयला रखा रहने से ऐसा होता है। आग को पूर्णत: बुझाने और स्टाक के कोयला की जल्द सप्लाई करने में प्रबंधन ने लापरवाही की, जिससे स्टाक का कोयला जलता रहा। वहीं खदान से निकलने वाले कोयले की सप्लाई होती रही। प्रबंधन की इसी गलत नीतियों का खामियाजा अब उत्पादन घटने के रूप में सामने आ रहा है।

विजिलेंस ने किया था निरीक्षण
विगत माह कोल इंडिया की टीम और वेस्टर्न कोल फील्डस लिमिटेड की टीम ने नेहरिया पहुंचकर कोल स्टाक की जांच की थी। नेहरिया के अलावा उक्त टीम उन अन्य क्षेत्रों में भी निरीक्षण करने पहुंची, जहां एक लाख टन से अधिक कोल स्टाक था। टीम निरीक्षण के बावजूद भी जलते कोयला की आग को बुझाने और कोयला सप्लाई करने की गति नहीं बढ़ी है।

इनका कहना है
कोल स्टाक में आग लगना प्राकृतिक घटना है। उसे बुझाने पानी का छिड़काव और मशीन से जलता कोयला को कोल स्टाक से अलग करने का काम जारी है। जल्द ही आग बुझ जाएगी और कोयला सप्लाई हो जाएगा।
अभिकांत खोबरागढ़े, प्रबंधक, नेहरिया

 

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