चाइल्ड हुड फ्रेन्ड्स के साथ समर वेकेशन एंजॉय कर रहीं वुमन, स्कूल और कालेज की यादें कर रहीं ताजा

चाइल्ड हुड फ्रेन्ड्स के साथ समर वेकेशन एंजॉय कर रहीं वुमन, स्कूल और कालेज की यादें कर रहीं ताजा

Anita Peddulwar
Update: 2019-05-22 11:25 GMT
चाइल्ड हुड फ्रेन्ड्स के साथ समर वेकेशन एंजॉय कर रहीं वुमन, स्कूल और कालेज की यादें कर रहीं ताजा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। समर वेकेशन में बच्चे तो एंजाॅय कर ही रहे हैं, मम्मियां भी चाइल्ड हुड फ्रेन्ड्स के साथ समर वेकेशन मना रही हैं। समर वेकेशन में बच्चों के साथ मम्मियां भी एंजॉय कर रही हैं। सोशल मीडिया पर कई पुराने दोस्त भी मिल गए हैं, जिनका नंबर मिलने से फोन पर ही प्लानिंग की जा चुकी थी। वैसे तो सालभर मम्मियां घर की देखभाल और बच्चों की परवरिश में बिजी रहती हैं। समर वेकेशन में वह भी अपने मायके जाकर चाइल्ड हुड फ्रेन्ड्स के साथ घूमने की प्लानिंग कर रहीं है। फ्रेन्ड्स के साथ मिलकर स्कूल और कॉलेज की यादें ताजा की जा रही हैं।

फोन पर कर ली थी प्लानिंग
मेरी फ्रेन्ड्स आने के पहले ही प्लानिंग कर ली थी। मेरा तो मायका और ससुराल दोनों ही शहर में है। पुरानी दोस्तों ने मिलकर मिलने का प्लान बनाया। मैंने सभी को अपने घर इनवाइट किया और हमने खूब मौज-मस्ती की। पुराने दिनों की बातें करके बहुत अच्छा लगा। अब पहले जैसा समय नहीं रहा, फिर एक दिन हमने अपने स्कूल देखने का प्लान बनाया। जब अपना स्कूल देखा, तो सभी को बहुत आश्चर्य हुआ। अब तो स्कूल में काफी बदलाव हो गया था।  -मीना श्रीवास्तव, स्नेह नगर

फ्रेन्ड्स के साथ खाए गोलगप्पे
जब मैं मम्मी के घर आई, तो पुरानी फ्रेन्ड्स को भी कॉन्टेक्ट किया और सभी ने मिलकर मिलने का प्लान बनाया। फिर हम ट्रैफिक पार्क घूमने गए। कॉलेज में भी सभी फ्रेन्ड्स साथ मिलकर ट्रैफिक पार्क घूमने जाया करते थे। पार्क के बाहर की भेलपुरी खाकर बहुत मजा आया। फिर हम बजाज नगर आए और जिस पानीपुरी वाले के पास पानी पुरी खाया करते थे, वहां गए, पर वहां पर वो अंकल नहीं थे, जिनसे हम पानीपुरी खाया करते थे। पानी पुरी वाले भैया से पूछा कि, एक अंकल यहां ठेला लगाया करते थे, तो वे बोले, वो मेरे पापा हैं और अब वे बहुत बीमार हैं, इसलिए अब मैं ठेला लगता हूं। पानी पुरी तो खाई, लेकिन अंकल का बनाया पानी जैसा पानी नहीं था, लेकिन फ्रेन्ड्स से मिलकर बहुत एंजॉय किया।  -श्वेता सोनी, धरमपेठ

बच्चों को छोड़ा नानी के पास
आज हम सभी फ्रेन्ड्स बच्चो को नानी के पास छोड़कर आए थे। हमेशा तो बच्चो के साथ ही रहते हैं, आज हम सभी ने अकेले ही  मिलने का प्लान बनाया। सोशल मीडिया के कारण पुरानी फ्रेन्ड्स मिलीं और एक ग्रुप बनाया। सभी ने एक ही टाइम में मायके आने का प्लान बनाया, ताकि मिल सकें। लगभग सभी दोस्त मिल गईं, कुछ रह गई हैं, उन्हें भी ढूंढ ही लेंगे। चाइल्ड हुड फ्रेन्ड्स से मिलने की खुशी ही अलग थी। कई फ्रेन्ड्स तो आउट ऑफ इंडिया हैं। हम सभी ने तय किया है कि, जब भी मायके आएंगे तो सभी साथ में प्लान करके आएंगे, ताकि साथ में मिलकर एंजॉय कर सकें ओर स्कूल और कॉलेज की यादों को ताजा कर सकें।  -अंकिता तिवारी, लक्ष्मी नगर

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