महापौर ने की सिफारिश, नागपुर में दोबारा लागू करें चुंगी कर

महापौर ने की सिफारिश, नागपुर में दोबारा लागू करें चुंगी कर

Anita Peddulwar
Update: 2018-12-15 09:41 GMT
महापौर ने की सिफारिश, नागपुर में दोबारा लागू करें चुंगी कर

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महापौर नंदा जिचकार ने पांचवें महाराष्ट्र राज्य वित्त आयोग से चुंगी कर (ऑक्ट्राय) दोबारा शुरू करने की मांग की। आयोग से सिफारिश करते हुए महापौर जिचकार ने कहा कि स्थानीय स्वराज्य संस्था की स्वायतत्ता कायम रखने के लिए मनपा में चुंगी कर पद्धति दोबारा लागू की जाए। इस दौरान जीएसटी अनुदान मामले में नागपुर पर अन्याय होने का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि नागपुर महानगरपालिका को जीएसटी मिलने वाला अनुदान कम है। ऑक्ट्रॉय से मनपा को अधिक आय मिलती थी। इसके बाद एलबीटी लागू की गई। व्यापारियों का इसे विरोध होने से नागपुर में उसकी वसूली कम हुई। इस आधार पर जीएसटी का अनुदान तय किया जाए। यह नागपुर पर अन्याय है। इस नुकसान की भरपाई करने की सिफारिश भी की गई। पांचवें महाराष्ट्र राज्य वित्त आयोग की टीम फिलहाल नागपुर में है। आयोग ने स्थानीय स्वराज्य संस्था, पंचायत राज संस्था के पदाधिकारियों से वित्त विषयक सूचना मंगवाई थी। इस अनुसार शुक्रवार को महापौर नंदा जिचकार ने विभागीय आयुक्त कार्यालय में आयोजित बैठक में सिफारिश का निवेदन वित्त आयोग को सौंपा। स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं से राज्य सरकार द्वारा जो अनुदान दिया जाता है, उस संबंध में आयोग ने सूचना आमंत्रित की थी।

मनपा को सीधे मिले अनुदान 
आयोग के सामने अन्य सिफारिशें भी रखी गई। राज्य सरकार द्वारा मनपा सीमा अंतर्गत वसूल किए जाने वाला व्यवसाय कर, शुल्क, पथकर का मनपा को देय अनुज्ञेय का हिस्सा सीधे स्थानीय स्वराज्य संस्था को अनुदान स्वरूप दिया जाए, ताकि यह रकम शहर के विकास कार्य में खर्च की जा सके। व्यवसाय कर सीधे मनपा को देने के साथ मनपा सीमा से राज्य सरकार जिन करों की वसूली करती है, उसमें से तय निधि मनपा को विकास कार्य के लिए दी जाए। मनपा आयुक्त को मनपा क्षेत्र के लिए कर के प्रभावी उद्देश्य पूर्ति के लिए शहर दंडाधिकारी के रूप में अधिकार प्रदान करने की भी सूचना आयोग के सामने की गई। पंचायत व नगरपालिका की आय बढ़ोतरी के लिए आयोग द्वारा मंगाई गई सूचना अनुसार मनपा की आय वृद्धि के लिए जीआईएस बेस्ट टैक्स असेसमेंट अनि‌वार्य करने की भी सिफारिश की गई।

महापौर ने ये सिफारिशें आयोग के सामने रखीं 
- मनपा को सरकार द्वारा मंजूर अनुदान वर्ष के अंत में न देते हुए उसे त्रैमासिक दिया जाए। 
- मनपा सीमा में विविध प्रकल्प व उसके लिए अनुदान मंजूर करते समय मनपा से हिस्सा न लिया जाए। 
- मनपा में शिक्षकों के वेतन और वेतन पर प्रतिपूर्ति के लिए 100 प्रतिशत अनुदान मंजूर किया जाए। 
- मनपा को संविधान के भाग 9 अनुच्छेद 243 ब में उल्लेखित 12 अनुसूची के सभी बुनियादी सुविधाओं के लिए पूरक अनुदान मंजूर किया जाए। 
- मनपा को जिला परिषद अनुसार अधिकारी व कर्मचारी वर्ग के वेतन पर खर्च का प्रतिपूर्ति के लिए वेतन अनुदान मंजूर किया जाए। 
- सरकार द्वारा मनपा को मंजूर किए जाने वाले अनुदान में सरकार के खर्च में कटौती संबंध में किसी तरह की कटौती की सूचना न की जाए। 
- मनपा के मुख्य लेखा परीक्षक का पद महाराष्ट्र व वित्त लेखा संवर्ग के उपसंचालक दर्जे के अधिकारी से नियमिति भरा जाए, ताकि मनपा के   परफॉर्मेंस ऑडिट नियमित शुरू रहे। 

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