स्त्री रोग विशेषज्ञ करेंगी महिलाओं से संबंधित अपराधों की मेडिकल जांच

स्त्री रोग विशेषज्ञ करेंगी महिलाओं से संबंधित अपराधों की मेडिकल जांच

Bhaskar Hindi
Update: 2017-11-24 06:55 GMT
स्त्री रोग विशेषज्ञ करेंगी महिलाओं से संबंधित अपराधों की मेडिकल जांच

डिजिटल डेस्क,भोपाल। प्रदेश मे महिलाओं के प्रति बढ़ती हिंसा और आए दिन हो रहे महिलाओं से संबंधित जघन्य अपराधों को देखते हुए राज्य सरकार रोज नए नियम लागू कर रही है। वहीं महिलाओं के हितों में फैसले भी लिए जा रहे हैं। इसी दिशा में स्वास्थ्य विभाग ने भी महिलाओं से संबंधित जघन्य अपराधों की मेडिकल जांच के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ की अनिवार्यता लागू कर दी है। मसलन अब महिलाओंं से दुराचार और हिंसा संबंधित मेडिको लीगल प्रकरणों की जांच स्त्री रोग विशेषज्ञ से ही कराई जाएगी। हालांकि इमरजेंसी डॉक्टरों की भूमिका पहले की तरह ही तय की गई है। यह सुविधा जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र एवं उप स्वास्थ्य केंद्रों में उपलब्ध होगी।

दरअसल, हाल ही में कुछ प्रकरण प्रकाश में आए थे कि मेडिको लीगल जांच करने वाली महिला चिकित्सा अधिकारी ने पूरी गंभीरतापूर्वक मेडिको लीगल जांच नहीं की। ऐसे में संवेदनशील मामलों में विषम परिस्थिति उत्पन्न हुई है। जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने निर्णय लिया कि जिला चिकित्सालयों, सिविल अस्पतालों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में जहां स्त्री रोग विशेषज्ञ- पीजीएमओ उपलब्ध है महिलाओं के साथ हुए जघन्य अपराध जैसे सामुहिक दुराचार के प्रकरण आने पर ऑन ड्यूटी महिला चिकित्सा आधिकारी, चिकित्सालय में पदस्थ स्त्री रोग विशेषज्ञ, पीजीएमओ की निगरानी में पीडि़ता की मेडिको लीगल जांच करायी जाएगी एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ, पीजीएमओ से रिपोर्ट का सत्यापन करने के बाद ही महिला चिकित्सा अधिकारी प्रकरण की मेडिको लीगल रिपोर्ट जारी करेगी।

सुल्तानिया में डॉक्टरों की लापरवाही से लिया सबक

हबीबगंज स्टेशन के पास हुए गैगरैप में पीड़िता की एमएलसी रिपोर्ट बनाने में डाक्टरों ने गंभीर लापरवाही बरती थी। छात्रा से गैंगरेप के बाद तीन महिला डॉक्टरों ने सुल्तानिया अस्पताल में एमएलसी की। जिसकी जांच रिपोर्ट तीन डॉक्टरों ने बनाई थी। जांच रिपोर्ट जारी करते समय इंटीमेशन में छात्रा से गैंगरेप नहीं बल्कि आपसी सहमति से शारीरिक संबंध बनाने का उल्लेख किया गया था। जिसके बाद विवाद बढ़ने पर तीनों महिला डॉक्टरों से पूछताछ की गई और जांच रिपोर्ट तैयार करने में गंभीर लापरवाही साबित होने के बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया। इस घटना के बाद स्वास्थ्य विभाग ने सबक लेते हुए अब महिला विशेषज्ञ डॉक्टरों को महिला संबंधी जघन्य मामले की जांच कराने जिम्मा सौपा गया। 

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स्वास्थ्य सेवाएं संचालक केके ठस्सू का कहना है कि सुल्तानिया अस्पताल में महिला डॉक्टरों की तरफ से लापरवाही दोबारा न दोहराई जाए इसके लिए महिलाओं से संबंधित प्रकरणों में चिकित्सकों को महिला की जांच पूरी संवेदना पूर्वक एवं शीघ्र करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ, पीजीएमओ की निगरानी में महिलाओं से बलात्कार एवं हिंसा की मेडिको लीगल जांच कराने के निर्देश दिए गए हैं।

 

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