भोपाल गैंगरेप: पीड़िता की गलत मेडिकल रिपोर्ट बनाने वाले 2 डॉक्टर सस्पेंड

bhopal gang rape: 2 doctors suspend for wrong medical report
भोपाल गैंगरेप: पीड़िता की गलत मेडिकल रिपोर्ट बनाने वाले 2 डॉक्टर सस्पेंड
भोपाल गैंगरेप: पीड़िता की गलत मेडिकल रिपोर्ट बनाने वाले 2 डॉक्टर सस्पेंड

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कोचिंग स्टूडेंट के साथ हुए गैंगरेप में डॉक्टर्स द्वारा गलत मेडिको लीगल रिपोर्ट बनाने की एक बड़ी लापरवाही सामने आई थी। जिस पर गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन एम के सोनगरा ने मामले में संज्ञान लेते हुए गलत मेडिको लीगल रिपोर्ट बनाने वाली डॉ खुशबू और डॉ संयोगिता को सस्पेंड कर दिया है। आपके बता दें कि भोपाल में कोचिंग स्टूडेंट के साथ हुए गैंगरेप के मामले में राजधानी के सुल्तानिया अस्पताल में पीड़िता की गलत मेडिको लीगल रिपोर्ट बना दी गई थी। डॉक्टर्स ने स्टूडेंट की मेडिकल रिपोर्ट में गैंगरेप की बजाय आपसी सहमति से बनाए गए संबंधों का दावा किया था। मामला तूल पकड़ने पर जूनियर डॉक्टर ने ये कहकर पल्ला झाड़ लिया कि उसने काम के दबाव में जल्दबाजी में ये लिख दिया था।

वहीं गलत रिपोर्ट बनाने वाले डॉक्टर पर सवाल उठाते हुए मेडिको लीगल इंस्टीट्यूट के पूर्व डायरेक्टर बी के सत्पति ने बताया कि मेडिको लीगल रिपोर्ट बनाने वाले डॉक्टर्स का काम ये बताना नहीं है कि संबंध आपसी सहमति से बने है या फोर्स फुली। डॉक्टर्स का काम बस ये बताना है कि संबंध बने हैं। बी के सत्पति ने कहा कि गलत रिपोर्ट बनाने वाले डॉक्टर्स पर FIR दर्ज होनी चाहिए, इसके साथ ही मेडिकल कांउसिल ऑफ इंडिया को ऐसे डॉक्टर्स की डिग्री निरस्त कर देनी चाहिए।

गौरतलब है कि 31 अक्टूबर की शाम भोपाल हबीबगंज रेलवे स्टेशन के पास ट्रेक पर कोचिंग स्टूडेंट के साथ 4 आरोपियों ने गैंगरेप किया था। जिसके बाद उसे शहर के सरकारी अस्पताल सुल्तानिया में मेडिकल जांच के लिए भेजा गया था। यहां सरकारी अस्पताल के डॉक्टरों की मेडिकल रिपोर्ट ने पीड़िता के जख्म को कुरेदते हुए गैरजिम्मेदाराना रवैया दिखाया और गलत रिपोर्ट पेश की। जिसमें गैंगरेप की बात से इनकार करते हुए आपसी सहमति से बनाए गए संबंधों को बताया गया था लेकिन जैसे ही मीडिया में लीक हुई तो विवाद बढ़ने लगा, विवाद को देखकर स्टूडेंट की मेडिकल जांच फिर से की गई जिसमें गैंगरेप और 6 बार संबंध बनाए जाने की पुष्टि हुई।

इस पूरे मामले में जब मीडिया ने सुल्तानिया अस्पताल के डॉक्टर करन पीपरे से बात की तो उन्होंने माना कि जूनियर डॉक्टर की वजह से सारी गलती हुई है और इस गलती को सुधारकर नई रिपोर्ट पेश कर दी गई है। इससे पहले तीन थानों की पुलिस ने रेप विक्टिम की बात नहीं सुनी थी और उसे थाने थाने घुमाया था। 

आपको बता दें कि भोपाल गैंगरेप केस में शुरुआत से ही प्रशासन की लापरवाही सामने आई है। पहले पुलिस ने केस दर्ज कराने गई पीड़िता को कई थानों के चक्कर लगवाए और घंटो थाने में बैठाए रखा। यहां तक की एसआरपी अनिता  मालवीय ने भी रेप पीड़िता का मजाक बनाया था। रेप के बाद जीआरपी, एमपी नगर थाना और हबीबगंज थाने में उसकी रिपोर्ट नहीं लिखे जाने को लेकर तीन टीआई, दो सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड किया गया था। साथ ही एमपी नगर सीएसपी कुलवंत सिंह को पीएचक्यू अटैच किया गया है।
 

Created On :   11 Nov 2017 5:04 PM GMT

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