पिछड़ रहा मिहान, 65 में से सिर्फ 18 कंपनियां शुरू

पिछड़ रहा मिहान, 65 में से सिर्फ 18 कंपनियां शुरू

Anita Peddulwar
Update: 2019-02-28 08:27 GMT
पिछड़ रहा मिहान, 65 में से सिर्फ 18 कंपनियां शुरू

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश ही नहीं विश्व में तेजी से चर्चा का केंद्र बना मिहान प्रकल्प अब उतनी ही तेजी से पिछड़ता जा रहा है। 4300 हेक्टेयर में फैले मिहान-सेज प्रकल्प में 65 कंपनियों में से सिर्फ 18 कंपनियां शुरू हो पाई हैं। विधान परिषद सभागृह में नियम 289 के तहत राकांपा नेता प्रकाश गजभिये ने मुद्दा उपस्थित करते हुए कहा कि सरकार को अन्य कंपनियां शुरू करने में सफलता नहीं मिल पाई है। उन्होंने मिहान प्रकल्प में शेष कंपनियों को त्वरित शुरू कर नागपुर के लोगों को प्राथमिकता देकर नौकरी देने की मांग की है। 

2 हजार लोगों को भी नहीं मिला रोजगार
नियम 289 पर चर्चा करते हुए विधायक गजभिये ने कहा कि इससे पहले भी अनेक नियमों के तहत सभागृह में मिहान का मुद्दा उपस्थित किया, लेकिन भाजपा-सेना युती की ओर से प्रत्येक अधिवेशन में गुमराह करने वाले जवाब मिले। सिर्फ आश्वासन दिए गए। मिहान में इंफोसिस, टीसीएस, सत्यम, बोइंग, हल, शापुरजी पालनजी, विप्रो, डीएलएफ, अंबुजा, रियल्टी आदि कंपनियों ने अपनी जरूरत अनुसार जमीनें लीं, लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण आज ये सभी कंपनियां बंद हैं। इसके लिए 2600 किसानों की जमीनें अधिग्रहित की गईं। इसके एवज में उन्हें मुआवजा और प्रत्येक परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का आश्वासन दिया गया था। सरकार किसान परिवार को नौकरी देने में असमर्थ साबित हुई। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने लोकसभा, विधानसभा चुनाव के समय 2 लाख लोगों को रोजगार देने का आश्वासन दिया था, अब तक 2 हजार लोगों को भी नौकरी नहीं मिली है। सरकार ने बेरोजगारों के साथ धोखाधड़ी की है। 

जीआरपी थाने से भागे आरोपी पुलिस की पकड़ से बाहर
जीआरपी थाने से भागे दो आरोपी आज भी पकड़ से बाहर हैं, जिसमें एक आम नागरिक के साथ एक टीसी का सामावेश भी है। करीब 15 दिन से ज्यादा समय होने के बावजूद जीआरपी के हाथ उन तक नहीं पहुंच पाए हैं। ऐसे में रेलवे पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। पहली घटना में 21 जनवरी को नागपुर रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर दो पर बिना टिकट मिली एक नाबालिग से अभद्र व्यवहार करने का आरोपी टीसी अब तक रेलवे पुलिस के शिकंजे में नहीं आया है। घटना को हुए एक माह का समय बीत चुका है। इससे रेल पुलिस का सुस्त रवैया उजागर हो रहा है। दूसरी घटना 9 फरवरी की है। मुंबई के रहने वाले एक व्यक्ति पर सफर के दौरान एक नाबालिग लड़की से अभद्र व्यवहार करने का आरोप था। आरोपी को यात्रियों ने ही पकड़ कर जीआरपी थाने में दिया था, लेकिन मौका देखते आरोपी यहां से फरार हो गया था, जिसके बाद से अब तक वह हाथ नहीं लग सका है। 

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