जगह-जगह फूट गई माइनर नहर, खेतों में बह रहा पानी ; फसल नष्ट

जगह-जगह फूट गई माइनर नहर, खेतों में बह रहा पानी ; फसल नष्ट

Bhaskar Hindi
Update: 2020-02-05 09:11 GMT
गड़चिरोली में जिला खनिज निधि का नहीं हो रहा कोई उपयाेग!

डिजिटल डेस्क सीधी। जिले के रामपुर नैकिन तहसील के अंतर्गत आने वाली खुर्द माइनर नहर रैदुअरिया कला के पास नहर फूटने से किसानों के खेतों में पानी भर जाने के कारण उनकी फसल नष्ट हो गई है। सिंचाई विभाग के उपयंत्री एवं एसडीओ केा जानकारी देने के बाद भी उनके द्वारा इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है जिसके कारण किसानों की दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं। 
इस संबंध में जानकारी देते हुये प्रभावित किसान अयोध्या सोनी ने बताया कि खुर्द माइनर नहर पूर्व से ही क्षतिग्रस्त थी। पानी छोडऩे के पूर्व विभागीय अधिकारियों को इस बात की जानकारी दी गई थी कि अगर नहर की साफ सफाई व  मरम्मत का कार्य नही किया जाता तो नहर का पानी किसानों के खेतों में भर जायेगा। विभागीय अधिकारियों द्वारा इस ओर कोई ध्यान न दिये जाने के कारण नहर के पानी से करीब 12 एकड़ गेहूं का खेत पूरी तरह से नष्ट हो गया है। श्री सोनी ने बताया कि  बाणसागर के एसडीओ उपयंत्री की लापरवाही के कारण मेरा 5 एकड़ एवं भगवानदीन यादव का 4 एकड़, रामसहाय सोनी का 3 एकड़ खेत में लगी फसल पूरी तरह से नष्ट हो गई है। माइनर नहरों की देखरेख व किसानों से सिंचाई के पानी का पैसा वसूलने की जिम्मेदारी शासन स्तर पर  जल उपभोक्ता संस्थाओं के माध्यम से की गई थी किंतु जल उपभोक्ता संस्थाओं के सदस्य व अध्यक्ष की बात उपयंत्री व टाईमकीपर नहीं सुन रहे हैं। तब कैसे नहरों के मरम्मतीकरण का कार्य पूर्ण हो सके। सिंचाई विभाग के अनुसार नहरों की साफ सफाई व देखरेख करने के नाम पर अनुविभागीय अधिकारी जल संसाधन उप संभाग रामपुर नैकिन को शासन स्तर से कोई बजट नहीं मिल पाता। जिसके कारण अनुविभागीय अधिकारी व उपयंत्री नहर मरम्मत का कार्य कैसे करें इसकी जानकारी किसी को नहीं है। रामपुर नैकिन अनुविभाग के अंतर्गत आने वाली सभी माइनर नहरों की हालत काफी दयनीय है। नहरों से जगह-जगह पानी निकल रहा है जो कि किसानों के खेत में भर रहा है जिससे किसानों के खेत में लगी फसलों को काफी नुकसान पहुंच रहा है। 
मरम्मत के लिये नहीं है बजट: प्रदीप 
माइनर नहरों के मरम्मत के लिये शासन द्वारा कोई बजट जल उपभोक्ता संस्था को नही दिया जाता। पिछले वर्ष 47 किमी नहर मरम्मत व साफ सफाई के नाम पर 30 हजार रूपये का बजट दिया गया था जो ऊंट के मुंह में जीरा के समान था। उक्त प्रतिक्रिया देते हुये जल उपभोक्ता संस्था कपुरी केाठार के अध्यक्ष प्रदीप सिंह ने बताया कि अभी कुछ दिन पूर्व दुर्गी टोला भैंसरहा के पास माइनर नहर फूट गई थी। किसानों की समस्याओं केा देखते हुये मैने स्वयं करीब 70 हजार रूपये लगाकर नहर का मर मतीकरण का कार्य करवाया था। रैदुअरिया खुर्द माइनर के फूट जाने की जानकारी हमें नही है। मैं तत्काल इस संबंध में अनुविभागीय अधिकारी व उपयंत्री से बात कर नहर को ठीक कराने का प्रयास करूंगा। उन्होंने बताया कि जल उपभोक्ता संस्थायें सिर्फ नाम की संस्थायें रह गई हैं उनको न तो कोई अधिकार है और न ही कोई बजट ही मिल रहा है। 
इनका कहना है-
खुर्द माइनर नहर के रैदुअरिया कला में फूट जाने की जानकारी हमें उपयंत्री व जल उपभोक्ता संस्था कपुरी कोठार के माध्यम से नहीं मिली है। मैं अभी इसका पता लगाकर नहर को ठीक कराने का प्रयास करूंगी। जिन किसानों की फसल का नुकसान नहर के पानी से हुआ है उनको मुआवजा दिलाने का प्रयास करूंगी। 
हेमा सिंह अनुविभागीय अधिकारी, सिहावल नहर, रामपुर नैकिन । 
 

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