एटीएम बदलकर लगा दी 3.60 लाख रुपए की चपत,सीसीटीवी में कैद आरोपी

एटीएम बदलकर लगा दी 3.60 लाख रुपए की चपत,सीसीटीवी में कैद आरोपी

Bhaskar Hindi
Update: 2019-08-02 08:04 GMT
एटीएम बदलकर लगा दी 3.60 लाख रुपए की चपत,सीसीटीवी में कैद आरोपी

डिजिटल डेस्क, छतरपुर। कृषि विकास शाखा स्थित एटीमए में बैलेंस चेक करने गया एक  व्यक्ति ठगी का शिकार हो गया। ठगी भी थोड़ी नहीं बल्कि 3 लाख 60 हजार रुपए से अधिक की है। दरअसल सीताराम कालोनी में बर्फ फैक्टरी के पास रहने वाले सतीश श्रीवास्तव 30 जुलाई को एटीएम में बैलेंस चेक करने के लिए गए। जहां पर एक अज्ञात व्यक्ति आया और बैलेंस चेक करने में मदद की बात कहकर उनका एटीएम बदल लिया। अज्ञात व्यक्ति ने सतीश को किसी कुलवंत सिंह के नाम का एटीएम दे दिया। उनका एटीएम लेकर चला गया। एटीएम बदले जाने की जानकारी सतीश को तब लगी जब वे घर पहुंचे और बारीकी से एटीएम देखा। एटीएम बदले जाने के बाद जब वे पास बुक लेकर बैंक में एंट्री कराने गए तो पता चला उनके खाते से अलग- अलग समय पर अलग- अलग माध्यमों से पैसे निकाले गए हैं।

पीओएस मशीन से की खरीदारी

जिस अज्ञात व्यक्ति ने बुजुर्ग के साथ धोखाधड़ी कर एटीम बदला, उसने पीओएस मशीन से हजारों रुपए की खरीदारी की। इसके साथ ही उसने अलग-अलग एटीएम से कुल 3 लाख 60 हजार 888 रुपए निकाल लिए। पीडि़त जब बैंक के पास शिकायत करने पहुंचा और बैंक से उस एटीएम के फुटेज की जांच की तो सीसीटीवी फुटेज में एक युवक नजर आया। जिसने सतीश से एटीएम बदला था।

युवक की तलाश में पुलिस

एटीएम बदलकर धोखाधड़ी कर पैसे निकालने वाले युवक के खिलाफ सिटी कोतवाली थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस बैंक डिटेल और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर अज्ञात युवक की तलाश में जुट गई है। पुलिस का कहना है कि आरोपी ने किन स्थानों से पैसे निकाले हैं। वहां के वीडियो फुटेज भी मंगाए गए है।

पटवारियों की मनमानी से अन्यदाता परेशान

मध्य प्रदेश में सरकार के बदलते ही राजस्व विभाग के पटवारियों की कार्यशैली पटरी से उतर गई है। छतरपुर जिले की बहुचर्चित तहसील घुवारा मानी जाती है। वैसे भी तहसील घुवारा में दो पटवारी लोकायुक्त के शिकार भी हो चुके है फिर भी पटवारी अपने अंदाज को नही बदल पा रहे है । जहा तहसील घुवारा में 56 राजस्व ग्राम एंव 35 हल्का है वही केबल 27 पटबारी है। मजे की बात यह है कि 35 हलकों के 56 राजस्व ग्रामों का जुम्मा 27 पटबारी के हबाले है। किसानों ने आरोप लगाया है कि पटबारी कोई काम हो बगैर सुविधा शुल्क के कोई काम नही होता है चाहे किसान सम्मान का हो या नामान्तरण या फिर सीमांकन हो बगैर सुविधा शुल्क के रिकार्ड को हाथ नही लगाया जाता है ।
 

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