हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस होंगे आरएस झा, 10 जून को संभालेंगे कार्यभार

हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस होंगे आरएस झा, 10 जून को संभालेंगे कार्यभार

Bhaskar Hindi
Update: 2019-06-08 09:11 GMT
हाईकोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस होंगे आरएस झा, 10 जून को संभालेंगे कार्यभार

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। मप्र हाईकोर्ट के प्रशासनिक और सीनियर जज जस्टिस आरएस झा को मप्र हाईकोर्ट का एक्टिंग चीफ जस्टिस नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति के आदेश पर केन्द्रीय कानून मंत्रालय ने नियुक्ति की अधिसूचना जारी कर दी है। वर्तमान चीफ जस्टिस एसके सेठ 9 जून को सेवानिवृत्त हो रहे है। इसके बाद जस्टिस झा 10 जून से एक्टिंग चीफ जस्टिस का कार्यभार संभालेंगे। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने मुंबई हाईकोर्ट के सीनियर जज एए कुरैशी को मप्र हाईकोर्ट का चीफ जस्टिस बनाए जाने की अनुशंसा की है, लेकिन अभी तक कॉलेजियम की अनुशंसा को राष्ट्रपति की मंजूरी नहीं मिली है। जबलपुर निवासी जस्टिस आरएस झा का जन्म 14 अक्टूबर 1961 को हुआ। बीएससी-एलएलबी करने के बाद उन्होंने 20 सितंबर 1986 से मप्र हाईकोर्ट में वकालत की शुरूआत की। उन्हें संवैधानिक, सिविल और रेवेन्यू के मामलों में विशेषज्ञता हासिल है। 18 अक्टूबर 2005 को उन्हें मप्र हाईकोर्ट में जज नियुक्त किया गया। 2 फरवरी 2007 को उन्हें मप्र हाईकोर्ट में स्थाई जज नियुक्त किया गया था।

फर्जी बयान बनाने वाले एसआई की अग्रिम जमानत खारिज

हाईकोर्ट ने शिकायतकर्ता के फर्जी बयान बनाकर एसपी के पास पेश करने वाले भोपाल के निशातपुरा थाने के एसआई अशोक मरावी की अग्रिम जमानत खारिज कर दी है। जस्टिस जेके माहेश्वरी की एकल पीठ ने अपने आदेश में कहा है कि एएसआई के खिलाफ इसके पर्याप्त सबूत मौजूद है कि उसने शिकायतकर्ता के फर्जी बयान के आधार पर एसपी के पास रिपोर्ट पेश की थी। अभियोजन के अनुसार भोपाल निशातपुरा निवासी रोशन नामक व्यक्ति ने निशातपुरा थाने में शिकायत की थी। शिकायत की जांच के बाद एसआई अशोक मरावी ने एसपी को रिपोर्ट पेश कर बताया कि मामले की जांच के दौरान शिकायतकर्ता के बयान लिए गए। इसके आधार पर कोई प्रकरण नहीं बनता है। शिकायतकर्ता को जब यह पता चला कि उसने एसपी को शिकायत कर बताया कि एसआई ने उसके बयान दर्ज नहीं किए है। उसके फर्जी बयान के आधार रिपोर्ट पेश की गई है। एसपी के आदेश पर हस्ताक्षर के नमूने की जांच कराई गई तो यह पाया गया कि शिकायतकर्ता की शिकायत और बयान पर अलग-अलग हस्ताक्षर है। राज्य परीक्षक की रिपोर्ट के आधार पर एसआई अशोक मरावी के खिलाफ धारा 420, 438, 467, 468 और 471 का प्रकरण दर्ज किया गया। एसआई की ओर से हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की अर्जी पेश की गई थी। सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने एसआई को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया।
 

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