छिंदवाड़ा में नहीं उड़ीसा में खुलेगी खदानें, सांसद प्रहलाद पटेल को घेरेगी कांग्रेस

छिंदवाड़ा में नहीं उड़ीसा में खुलेगी खदानें, सांसद प्रहलाद पटेल को घेरेगी कांग्रेस

Bhaskar Hindi
Update: 2018-01-08 11:06 GMT
छिंदवाड़ा में नहीं उड़ीसा में खुलेगी खदानें, सांसद प्रहलाद पटेल को घेरेगी कांग्रेस

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा । पेंच-कन्हान में नई खदानें खोलने को लेकर किया गया सांसद प्रहलाद पटेल का ट्वीट विवादों में घिर गया है। कांग्रेस ने इसे मुद्दा बनाते हुए  पत्रकारवार्ता ली। पत्रकारों के सामने दस्तावेजों को प्रस्तुत करते हुए कांग्रेस जिलाध्यक्ष गंगाप्रसाद तिवारी और परासिया विधायक सोहन वाल्मिक ने कहा कि  केंद्रीय कोयला मंत्री पियूष गोयल ने कहीं भी ये बात नहीं कही थी, कि पेंच और कन्हान में नई खदानें खुलेगी। बल्कि केंद्रीय मंत्री द्वारा रामपिया, डिप, साइड रामपिया, घोरपल्ली और डिप साइड घोरपल्ली में नई खदानें खोलने की बात कही थी। ये क्षेत्र कहीं भी छिंदवाड़ा में नहीं है। सिर्फ झूठी वाहवाही लूटने के लिए सांसद प्रहलाद पटेल द्वारा ये ट््वीट किया गया। जिसके लिए उन्हे आम जनता और कामगारों से माफी मांगनी चाहिए।
सांसद कमलनाथ ने लिखा पत्र
पत्रकारवार्ता में कांग्रेस जिलाध्यक्ष गंगाप्रसाद तिवारी ने बताया कि पेंच की खदानों को बंद करने के फैसले पर सांसद कमलनाथ ने केंद्रीय कोयला मंत्री पियूष गोयल को पत्र लिखते हुए इसे मेनेजमेंट की गलती बताया है। उन्होने कहा कि गलत मेनेजमेंट के चलते इन खदानों को बंद करना पड़ रहा है।
कामगारों को साथ लेकर चरणबद्ध करेंगे आंदोलन
परासिया विधायक और इंटक अध्यक्ष सोहन वाल्मिक ने कहा कि सरकार यदि खदानों को बंद करने का फैसला वापस नहीं लेती है तो हम चरणबद्ध आंदोलन करेंगे। कामगारों को निरास नहीं होने देंगे। कांग्रेस के शासनकाल में भी कोयला खदानें घाटे में चल रही थी लेकिन कामगारों का हित देखते हुए इसे बंद नहीं किया गया।
केंद्रीय मंत्री और मेनेजमेंट के अलग-अलग बयान
इस मामले में विधायक श्रीवाल्मिक ने कहा कि खदानों को बंद करने के फैसले पर केंद्रीय कोयला मंत्री और वेकोलि मेनेजमेंट अलग-अलग बयानबाजी कर रहा है। केंद्रीय मंत्री जहां सुरक्षा को लेकर खदान बंद करने की बात कर रहे हैं वहीं वेकोलि के अफसर खदानें बंद होने का कारण लगातार होता घाटा बता रहे है। करोड़ों की मशीने बेकार
विधायक ने आरोप लगाया कि अधिकारियों ने अपने फायदे के लिए करोड़ों की मशीने खरीद ली, जबकि इन मशीनों की कोई जरुरत खदानों में नहीं थी। कमीशनबाजी में लिप्त अफसरों की अदूरदर्शिता के चलते ये मशीने बंद पड़ी है। जिस वजह से भी खदानों से शासन को घाटा हो रहा है। इस मामले में अफसरों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।

 

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