नागाघाटी में पहाड़ ढहने की अाशंका, नया रोड बंद वैकल्पिक मार्ग खोला

नागाघाटी में पहाड़ ढहने की अाशंका, नया रोड बंद वैकल्पिक मार्ग खोला

Bhaskar Hindi
Update: 2017-06-29 04:08 GMT
नागाघाटी में पहाड़ ढहने की अाशंका, नया रोड बंद वैकल्पिक मार्ग खोला

दैनिक भास्कर न्यूज़ डेस्क, जबलपुर।  जबलपुर-मण्डला सड़क में बरेला से कुछ दूरी पर स्थित नागाघाटी के पास पहाड़ों के बीच से निकलने वाली नई कांक्रीट सड़क को आज बारिश में पहाड़ धसकने की अाशंका पर बंद कर दिया गया है। करीब 200  मीटर के दायरे में पहाड़ी के अहम हिस्से में अब पुरानी वैकल्पिक रोड जो डामर वाली थी उससे आवागमन चालू रहेगा। नये रोड पर कोई वाहन नहीं जाएगा। मध्य प्रदेश रोड डेवलपमेंट काॅर्पोरेशन ने नागाघाटी में पहाड़ी को काटकर सड़क तो बनाई, लेकिन पहाड़ बारिश के दिनों में या विपरीत मौसम में धसके न इसको तकनीकी आधार पर बांधना भूल गये। अब बारिश में यह पहाड़ी लोगों के लिए जान का खतरा बनी हुई है। इस सड़क में बारिश के मौसम में खतरा ही खतरा नजर आ रहा है।

सड़क को लेकर एमपीआरडीसी के अधिकारियों का कहना है कि पहाड़ी की टेस्टिंग कराकर किस आधार पर कार्य कराया जा सकता है, उसको फाइनल कर दिया गया है। मुंबई की कंपनी जो पहाड़ बांधने जैसे कार्य  कार्य करती है, उसको पूरी जानकारी देकर इसका काम जल्द शुरू किया जाएगा। पहाड़ी को तार और अन्य तरह से मैथड अपनाकर व्यवस्थित कर दिया जाएगा। मुंबई की कंपनी जल्द ही पहाड़ी के खतरनाक या फिर नुकसान पहुंचा सकने वाले हिस्से में काम शुरू करने वाली है। बारिश के दिनों में यह काम कर लिया जाएगा।

कहां बन रही ये सड़क  
जबलपुर से मण्डला-चिल्पी-रायपुर सड़क को टूलेन से ज्यादा थ्री लेन के अंदाज में सीमेण्टेड बनाया जा रहा है। इसमें पहले फेज में चूल्हा गुलाई से बरेला डोबी गांव तक 200 करोड़ से यह सड़क तैयार की गई। जबलपुर से बरेला और उससे आगे नागाघाटी तक 22 किलोमीटर के हिस्से में सीमेण्टेड सड़क तैयार हुई है। इसी 22 किलोमीटर के हिस्से में नागाघाटी में यह खतरनाक पहाड़ी आती है। सड़क सभी हिस्से में  निकलने में तो सहज लगती है, लेकिन जैसे पहाड़ आरंभ होता है, उसमें निकलने में ही महसूस होने लगता है कि पहाड़ को काटा तो सड़क बनाने के लिए गया है, लेकिन आगे की प्रोसेस बेहतर तरीके से नहीं अपनाई गई। न ही पहाड़ी को बांधने के लिए कोई प्रबंध किये गये हैं।

दूर से नजर आ रहा खतरा  
नागाघाटी में जहां भी पहाड़ी को काटकर सड़क बनाई गई है वहां से निकलने में ही सहज अाभास हो जाता है कि किसी भी दिन सड़क के ऊपर पहाड़ी पर अटके पत्थर और बोल्डर निकलने वाले वाहन के ऊपर कहर बरपा सकते हैं। बारिश में धसकने की स्थिति मेें पहुंच चुकी पहाड़ी को लेकर सावधानी हर हाल में जरूरी हो गई है। थोड़ी से लापरवाही किसी वाहन चालक ने दिखाई तो इसमें कोई शक नहीं कि जान माल का नुकसान भी हो सकता है। 


पहाड़ी में बारिश के दिनों में बांधने का जरूरी काम कर दिया जाएगा। मुंबई की एक कंपनी जो इसी तरह के कार्य करती है, उसको यह काम सौंपा गया है। इससे पहले खतरे वाली जगह में आज से रोड बंद कर पुरानी सड़क से निकलने का रास्ता दिया गया है। 
-राजेन्द्र चंदेल, एमपीआरडीसी 

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