संतरानगरी में जम्मू-कश्मीर के 10 परिवारों ने लगाई मदद की गुहार, अब गुजारे के लिए राशन और पैसे नहीं

संतरानगरी में जम्मू-कश्मीर के 10 परिवारों ने लगाई मदद की गुहार, अब गुजारे के लिए राशन और पैसे नहीं

Tejinder Singh
Update: 2020-04-24 08:01 GMT
संतरानगरी में जम्मू-कश्मीर के 10 परिवारों ने लगाई मदद की गुहार, अब गुजारे के लिए राशन और पैसे नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना के कारण पूरे देश में लॉकडाउन है। ट्रैवल बेन होने के कारण कई लोग अपने राज्य भी वापस नहीं लौट पा रहे है। ऐसे में उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। टिमकी रोड रंभाजी नगर में ड्रायफ्रूट्स का कारोबार करने आए जम्मू कश्मीर के कुलगाम जिले के रहने वाले 10 परिवारों ने मदद की गुहार लगाई है। 

ये है परेशानी 

सरफराज का कहना है कि वे पिछले 10 वर्षो से संतरानगरी आ रहे हैं। ड्रायफ्रूट्स बेचने के लिए वे अपने परिवार सहित नवंबर में आते हैं। इसके बाद मार्च में वापस चले जाते हैं। सरफराज ने बताया कि उनका वापसी का ट्रेन का टिकिट 22 मार्च का था। लेकिन जनता कर्फ्यू के कारण सभी सेवाएं बंद थी। उसके बाद लॉकडाउन हो गया। ऐसे में अब तक जो हमारे पास पैसे थे,उससे गुजारा कर रहे थे। लेकिन अब पैसे खत्म हो गए हैं। घर में राशन लाने की दिक्कत हो रही है। यहां कमाने आए थे,भूखे रहने की नौबत आ गई है। अपने घर वापस जाना चाहते हैं। अम्मी और अब्बू के फोन आते हैं। वे भी वहां परेशान हो रहे हैं। मेरी 9 महीने और 2 वर्ष की बच्ची जिकरा और मायरा के लिए दूध की भी व्यवस्था नहीं है।

चार परिवार रह रहे एक साथ

जाहिद अमिन शाह ने बताया कि मेरी पत्नी भी मेरे साथ नवंबर में आई थी। लॉकडाउन बढ़ने के बाद अब भूखे रहने की नौबत आ गई है। 22 मार्च को लौटने का टिकट था। उसके बाद 2 अप्रैल कराया तो वो भी कैसिंल हो गया, तीसरी बार 16 अप्रैल को कराया, लॉकडाउन बढ़ने के कारण तीसरा टिकिट भी कैसिंल हो गया है। हमारी मदद की जाए। अब राशन भी नहीं है। 
 

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