शहर में कहां करना है गणेश विसर्जन बताएगा 'मोरया' एप

शहर में कहां करना है गणेश विसर्जन बताएगा 'मोरया' एप

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-01 05:16 GMT
शहर में कहां करना है गणेश विसर्जन बताएगा 'मोरया' एप

डिजिटल डेस्क,नागपुर। पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए शहर में 184 कृत्रिम टैंक रखे गए हैं। इन टैंकों की लोकेशन बताने के लिए "मोरया एप" बनाया गया है। "मोरया एप" को प्ले स्टोर से आसानी से डाउनलोड किया जा सकता है। 

गौरतलब है कि गुरूवार को गणेशोत्सव की तैयारियों को लेकर मनपा महापौर नंदा जिचकार कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा कर रहीं थीं। महापौर ने बताया कि अच्छी बात यह है कि एप पर एक क्लिक करने पर पास के सारे कृत्रिम टैंकों की लोकेशन दिखाई देने लगेगी। चूंकि वह गूगल मैप से जुड़ा हुआ है, इस वजह से वह जाने के लिए रास्ता और समय भी बताएगा कि आपको किसी पैदल, दो-पहिया और चार पहिया वाहन से कितना समय लगेगा। पिछले साल 150 टैंक थे, इस बार टैंक बढ़ाकर 184 किए गए, इसके बाद भी मांग हुई इसलिए और 14 टैंक बढ़ाने की तैयारी चल रही है। लक्ष्मीनगर जोन के सोनेगांव तालाब पर 5 टैंक स्थायी रूप से और अजनी चौक पर एक-एक टैंक बनाया जाएगा। हनुमाननगर जोन में बिंझाणी महाविद्यालय के मैदान में एक, गांधी सागर तालाब में एक और मंगलवार जोन की पुलिस लाइन टाकली में एक टैंक बनाया जाएगा। इसके अलावा वार्ड फंड से नगर सेवकों ने 26-27 टैंक बनाए हैं।

महापौर ने कहा कि विसर्जन के लिए फुटाला तालाब, गांधी सागर, नाईक तालाब, अंबाझरी ओवरफ्लो, सोनेगांव तालाब, सक्करदरा तालाब, संजय गांधी तालाब खदान एवं गोरेवाड़ा तालाब पर अलग-अलग संस्थाओं को जिम्मेदारी दी है। महापौर ने कहा कि अभी सिर्फ दो तालाबों सोनेगांव एवं सक्करदरा में गणेश मूर्ति विसर्जन पर प्रतिबंध लगाया है। आगे के समय में सभी पर लगाया जाएगा। इसके लिए शहर की जनता को भी आगे आने की जरुरत है, यह विषय लोगों की आस्था से जुड़ा हुआ है, जिसे ध्यान में रखकर हम काम कर रहे हैं। बड़ी गणेश मूर्तियों के विसर्जन के लिए सिर्फ फुटाला तालाब ही एक विकल्प रहेगा। सत्तापक्ष नेता संदीप जोशी ने कहा कि POP की मूर्तियों पर केमिकल डालने से वह पूर्णता नष्ट हो जाती हैं। यह जानकारी नीरी के वैज्ञानिक डा. कृष्णा खैरनार ने दी है, कितने केमिकल की जरूरत पड़ेगी, आकड़ें निकालना है।

किसने बनाया "मोरया" एप
मोरया एप राजीव गांधी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड रिसर्च के विद्यार्थी आतुर नामपल्लीवार, कृणाल नामपल्लीवार, सागर भगत ने डॉ.शेखर भाले व सहायक प्राध्यापक रोहित हिमते के मार्गदर्शन में बनाया। उन्होंने बताया कि शहर में एक जगह दो या उससे अधिक कृत्रिम टैंक रखे हुए हैं, जिससे लोगों को 184 लोकेशन नहीं दिखाई देगी। दूसरा यह कि यदि हम लोकेशन से टैंक को हटाते हैं तो सॉफ्टवेयर में भी हटा सकते हैं। 
 

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