गोरेवाड़ा तालाब में फूटी जलधारा, गहराईकरण कार्य को मिली सफलता

गोरेवाड़ा तालाब में फूटी जलधारा, गहराईकरण कार्य को मिली सफलता

Anita Peddulwar
Update: 2019-06-24 06:57 GMT
गोरेवाड़ा तालाब में फूटी जलधारा, गहराईकरण कार्य को मिली सफलता

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में जलसंकट को ध्यान में रखकर नागपुर महानगरपालिका द्वारा शुरू किए गोरेवाड़ा तालाब के गहराईकरण के दौरान  बड़ी सफलता मिली है। युद्ध स्तर पर जारी कार्य के दौरान तालाब में पानी निकलने लगा है। पिछले तीन दिनों से गोरेवाड़ा तालाब में गहराईकरण का कार्य चल रहा है। स्थायी समिति सभापति प्रदीप पोहाणे उक्त कार्य की रोजाना निगरानी कर इसकी समीक्षा कर रहे हैं। रविवार को किए गए निरीक्षण दौरे में स्थायी समिति सभापति पोहाणे के साथ नासुप्र विश्वस्त भूषण शिंगणे, मनोज अग्रवाल, हर्षद घाटोले, अश्विन खवाले, किशोर रावत, सुनील गवाडे, विट्ठल अधावे, संजय गिर्हे, रेखा देने, एड. श्रीकांत परवटवाल आदि उपस्थित थे। 

100 साल में पहली बार सूखा तालाब बता दें कि गत 100 साल में यह पहला मौका है, जब गोरेवाड़ा तालाब पूरी तरह सूख गया है। शहर को जलापूर्ति करने वाले तालाब की यह स्थिति भविष्य के लिए खतरे की घंटी है। भविष्य में शहर के नागरिकों को जलसंकट का सामना न करना पड़े, इसके लिए तालाब का गहराईकरण करने का निर्णय लिया गया है। पिछले तीन दिन से युद्धस्तर पर तालाब के गहराईकरण का काम शुरू है। रोजाना इसकी समीक्षा की जा रही है। पदाधिकारी सहित मनपा के अधिकारी-कर्मचारी तालाब के गहराईकरण के कार्य के लिए परिश्रम कर रहे हैं। गहराईकरण कार्य को अधिक गति मिले व जल्द से जल्द काम पूरा हो, इसके लिए मनपा ने कटिबद्धता जताई है। इस बारे में मनपा आयुक्त से भी चर्चा की गई है। सभापति प्रदीप पोहाणे ने जल्द से जल्द काम पूरा हो, इसके लिए और तीन से चार पोकलेन बढ़ाने के निर्देश हैं। 

रेन वाटर हार्वेस्टिंग व खेत तालाब बनाने पर जोर
उल्लेखनीय है कि दिनों-दिन गहराते जलसंकट से निपटने के लिए प्रशासन ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग व किसानों को खेत तालाब बनाने के लिए जोर दिया है। इन दोनों उपायों से जलसंकट से काफी हद तक निपटने की उम्मीद की जा रही है।

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