धृतराष्ट्र बना हैं नागपुर मनपा का उद्यान विभाग, शाखाओं के बहाने काटे पेड़

धृतराष्ट्र बना हैं नागपुर मनपा का उद्यान विभाग, शाखाओं के बहाने काटे पेड़

Tejinder Singh
Update: 2018-09-07 16:57 GMT
धृतराष्ट्र बना हैं नागपुर मनपा का उद्यान विभाग, शाखाओं के बहाने काटे पेड़

डिजिटल डेस्क, नागपुर। यातायात में परेशानी न हो आैर कोई दुर्घटना न हो इसलिए सड़क किनारे लगे पेड़ों की शाखाएं काटी जाती है। मनपा के उद्यान विभाग से पेड़ों की शाखाएं काटने की अनुमति ली जाती है। शहर में शाखाएं ऐसी काटी गई, की पेड़ ही खत्म हो गए। अब ये पेड़ कभी हरे-भरे नहीं हो सकेंगे। मनपा के उद्यान विभाग ने इसके लिए जिम्मेदार लोगों या एजेंसी पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं की। पर्यावरण की दुहाई देनेवाले मनपा के नाक के नीचे ही यह सब हो रहा है। पेड़ों की शाखाएं कई बार रोड पर झुक जाती है या पेड़़ ऊंचा होने पर बिजली के तारों को छूता है। इससे दुर्घटनाएं होने की संभावना बनी रहती है।

पेड़ों की शाखाएं काटने का काम मनपा का उद्यान विभाग या एसएनडीएल करता है। पेड़़ बिजली के तारों पर लगने से शार्ट सर्किट या ट्रीप होने का खतरा बना रहता है। सीए रोड वर्धमाननगर, ग्रेट नाग रोड बैद्यनाथ चौक, उमरेड रोड के वकीलपेठ, रेशमबाग चौक, गुरुदेवनगर में पेड़ों को इसतरह काटा गया कि अब ये पेड़ कभी खड़े नहीं हो सकेंगे। ये तो चंद नमूने है। शहर में कई जगह इसतरह पेड़ों का कत्ल कर दिया गया है। देश में शहर की पहचान ग्रीन सिटी के रूप में है। शाखाएं काटने के नाम पर पेड़ों को काटनेवालों पर मनपा की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं हुई।

जिम्मेदार लोगों की पहचान की जाएगी
अमोल चोरपगार, प्रभारी उद्यान अधीक्षक के मुकताबिक पेड़ काटने की किसी को अनुमति नहीं है। बिजली के तारों या खंबों को छुने पर पेड़ की शाखाएं काटने की अनुमति दी जाती है। ये काम एसएनडीएल के लोग करते है। विभाग इस पर नजर रखता है। बावजूद इसके जहां-जहां शाखाआें के नाम पर पेड़ समाप्त करने का काम हुआ, उसकी पहचान की जाएगी। जिम्मेदार लोग या एजेंसी पर कार्रवाई की जाएगी। पेड़ को समाप्त करना गंभीर बात है। उद्यान विभाग में स्टाफ की कमी होने से निगरानी में थोड़ी समस्या होती है। अब तो बहुत जरूरी हुआ तभी शाखाएं काटने की अनुमति दी जाएगी।

शाखाएं काटने के ना पर पेड़ों को काटा जा रहा
पर्यावरणवीद कौस्तुव चटर्जी का कहना है कि शाखाएं काटने के नाम पर पेड़ों को ही काटने का काम हो रहा है। कई मामलों की जानकारी मनपा के उद्यान विभाग को दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। लोग आते है आैर पेड़़ को काट देते है। ज्यादा से ज्यादा लकड़ा लेकर जाने के लिए पेड़ों की बलि ली जा रही है। बिजली के तार या बिजली के खंबे बीच में आने पर एसएनडीएल व महावितरण पेड़़ काट देते है। किस हद तक कटाई हो, इस पर कोई ध्यान नहीं देता। पेड़ों को क्षति पहुंचे बिना शाखाएं काटनी चाहिए। जिम्मेदार एजेंसियों पर सख्त एक्शन होनी चाहिए। जिलाधीश से संज्ञान लेने की गुजारिश की जाएगी।

किसने पेड़ काटे यह देखना होगा
दीपांशु खिरवडकर, जनसंपर्क अधिकारी के मुताबिक बिजली के तार या खंबे के बीच में पेड़ आने पर पेड़ की शाखाएं काटी जाती है। वैसे यह काम मनपा का है। हम केवल शाखाएं काटते है। जहां-जहां इसतरह पेड़ों को खत्म किया गया, वहां-वहां यह देखना जरूरी है कि पेड़ किसने काटे है। हमे पेड़ की ऊंचाई कम करने का अधिकार नहीं है। ये पेड़ किसने काटे यह मैं बता नहीं सकता। हम खडे तरीके से शाखाएं नहीं काटते।

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