नए सिलेबस के साथ 1 अगस्त से शुरू होगा नया सेशन

नए सिलेबस के साथ 1 अगस्त से शुरू होगा नया सेशन

Anita Peddulwar
Update: 2019-07-25 07:58 GMT
नए सिलेबस के साथ 1 अगस्त से शुरू होगा नया सेशन

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर में इंजीनियरिंग पाठ्यक्रम के एडमिशन जारी है। पहला राउंड पूरा हो चुका है। इधर कॉलेज भी 1 अगस्त से  नए शैक्षणिक सत्र की तैयारी में हैं, लेकिन राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय ने इंजीनियरिंग में नया पाठ्यक्रम लागू करने की तैयारी की है। दरअसल अखिल भारतीय तंत्र परिषद (एआईसीटीई) ने करीब डेढ़ वर्ष पूर्व नागपुर विश्वविद्यालय को इंजीनियरिंग का नया पाठ्यक्रम भेज कर इसे लागू करने को कहा था। नागपुर यूनिवर्सिटी में इस दौरान बोर्ड ऑफ स्टडीज नहीं थे। लिहाजा इसे टाल दिया गया। इंजीनियरिंग के विविध विषयों के बोर्ड गठित करने के बाद यूनिवर्सिटी को नया पाठ्यक्रम लागू करने के लिए बैठक, चर्चासत्र बुलाने थे, लेकिन जून माह में शिक्षण मंच की ओर से प्राचार्य डॉ. एस.आर. चौधरी की अध्यक्षता में समिति तैयार की गई। समिति ने एआईसीटीई के निर्देशों के मुताबिक नागपुर यूनिवर्सिटी के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया, लेकिन उसमें उल्लेखित विविध स्कीमों का उल्लेख नहीं होने के कारण बोर्ड ऑफ स्टडीज सदस्यों ने आपत्ति जताई।

विशेषज्ञों की नहीं ली गई राय

नागपुर के अन्य प्राचार्यों और प्राध्यापकों के अनुसार नए पाठ्यकम पर विशेषज्ञों की राय लेनी चाहिए थी, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। कॉलेज में जारी एडमिशन के दौरान कुछ काॅलेजों में कार्यशाला हुई, लेकिन उसमें अधिकांश प्राध्यापक शामिल नहीं हो पाए। नियमानुसार यूनिवर्सिटी को अपनी वेबसाइट पर 4 वर्ष का पाठ्यक्रम डालना जरूरी होता है। समिति ने अभी तक केवल एक साल का पाठ्यक्रम सार्वजनिक किया है, शेष तीन वर्षों के पाठ्यक्रम की कोई जानकारी नहीं दी गई है। मामले में विवि कुलगुरु डॉ. सिद्धार्थ विनायक काणे ने कहा है कि वे विशेषाधिकारों का प्रयोग करके एआईसीटीई का पाठ्यक्रम यूनिवर्सिटी में लागू करेंगे। अगर नया सत्र शुरू होने के पूर्व हमारी तैयारियां पूरी नहीं हुईं, तो अगले सत्र से नया पाठ्यक्रम लागू करेंगे। 

उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ वर्षों में इंजीनियरिंग को लेकर रूझान कम होता जा रहा है। इसका एक कारण इंजीनियरिंग करके निकलने वालों को जॉब की कमी भी बताई जा रही है। यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इंजीनियरिंग में कुछ बदलाव कर फिर से इसके प्रति रूझान बढ़ाने की कवायद कर रहा है।
 

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