मराठी सिनेमा में छाएगी नागपुर की मारबत, सरकार बढ़ाएगी उत्साह
मराठी सिनेमा में छाएगी नागपुर की मारबत, सरकार बढ़ाएगी उत्साह
डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी की सदियों से पहचान बनी पीली - काली मारबत अब मराठी सिनेमा में भी छाने जा रही है। यही कारण है कि फिल्म का पूरा एक गाना मारबत पर ही फिल्माया गया है। फिल्म का नाम है "बकाल" यानी समाजिक गंदगी, जिसके खिलाफ फिल्म में आवाज बुलंद की गई है।
स्टार कास्ट में चैतन्य मिस्त्री, जुई बेंडखले, स्क्रिप्ट राइटर विनोद देशपांडे, डांस डायरेक्टर दिलीप मिस्त्री - दीपा मिस्त्री कार्यक्रम में मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन वैदेही चावरे ने किया। जिसका आयोजन श्रीमंत बाबूरात धनवटे सभागृह अंबाझरी में किया गया। फिल्म से जुड़े कलाकारों को उम्मीद है कि गाने के माध्यम से देश और दुनिया में मारबत को पहचानी मिलेगी।
"घेऊन जा गे मारबत' गीत सुरेन्द्र मसराम ने लिखा है। इसके संगीतकार मोरेश्वर निस्ताने हैं और आदर्श शिंदे सहित धनश्री देशपांडे के इसे अपनी आवाज दी है।
इसके लिए साल 2017 में पोला त्यौहार पर मारबत गीत का मुहुर्त किया गया था। इसके बाद जब पता चला कि मारबत के साथ ही नागपुर का "सावजी" भी फेमस हैं, तो इस शब्द को भी गाने में जोड़ दिया गया।
विदर्भ की मारबत संस्कृति 135 वर्ष पुरानी है। जिसमें समाजिक बुराइयों के खिलाफ संदेश दिया जाता है। शिव ओम विजुअल बैनर के तहत बन रही "बकाल' में "घेऊन जा गे मारबत' गीत फिल्म का केन्द्र बिन्दु है। फिल्म से जुड़े खास शख्स समीर आठल्ये ने कहा कि जब उन्हें मारबत परंपरा के बारे में जानकारी मिली, तो उन्होंने सोचा कि फिल्म में एक गाना इसी पर फिल्माया जा सकता है।
बावनकुले ने कहा कि उत्साह में किसी तरह की कोई कमी ना आए, इसके लिए मारबत समिति की सरकार मदद करेगी, ताकि जोश और उत्साह का महौल बना रहे। बावनकुले गाने के प्रमोशन के दौरान बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे।
कुछ लोगों का मानना है कि बदलते वक्त में मारबत का रंग फीका पड़ता जा रहा है, महंगाई की मार का खासा असर है। इसे लेकर पालकमंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने चिन्ता जताई। उन्होंने कहा कि किसी अखबार में पढ़ा था, मारबत उत्सव मेंं अब कुछ कमी आ रही है, लेकिन महानगर की इस विशेष पहचान को खोने नहीं दिया जाएगा।
ये फिल्म जल्द ही रिलीज होने वाली है। 30 अगस्त को मारबत निकलेगी, इससे पहले मारबत पर फिल्माया गाना प्रमोट करने के मकसद से फिल्म की पूरी स्टार कास्ट संतरा नगरी पहुंची।