नागरे-पाटील हो सकते हैं मुंबई पुलिस के कार्यवाहक आयुक्त, 30 जून को सेवानिवृत्त होंगे संजय पांडे
जिम्मेदारी नागरे-पाटील हो सकते हैं मुंबई पुलिस के कार्यवाहक आयुक्त, 30 जून को सेवानिवृत्त होंगे संजय पांडे
डिजिटल डेस्क, मुंबई। शिवसेना के बागी विधायकों के समर्थकों और उद्धव ठाकरे के समर्थकों के बीच भिड़ंत की आशंका के बीच कानून व्यवस्था को लेकर सबसे मुश्किल हालात मुंबई में हैं। लेकिन सरकार की परेशानी और बढ़नी तय है क्योंकि 30 जून को मुंबई पुलिस कमिश्नर संजय पांडे का कार्यकाल खत्म होने जा रहा है। दूसरा कोई कमिश्नर होता तो शायद राज्य सरकार उसे तीन महीने का सेवा विस्तार दे देती। लेकिन इसके लिए केंद्र सरकार की मंजूरी की जरूरत होती है और पांडे ने जिस तरह कुर्सी संभालने के बाद उद्धव सरकार के इशारे पर भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की है, उससे इस बात की संभावना न के बराबर है कि केंद्र से उनके सेवा विस्तार को हरी झंडी मिले।
शिवसेना के बागी विधायक जब वापस शहर में लौटेंगे तो हालात बिगड़ सकते हैं। इसलिए मुंबई पुलिस की कमान किसके हाथ में होगी इसकी अहमियत और बढ़ जाती है। मुंबई पुलिस कमिश्नर की दौड़ में पुलिस महानिदेशक (हाउसिंग) विवेक फनसालकर, डीजी (होमगार्ड) भूषणकुमार उपाध्याय, डीजी (लीगल एंड टेक्निकल) संदीप बिश्नोई और ठाणे के पुलिस कमिश्नर जयजीत सिंह शामिल हैं लेकिन मौजूदा राजनीतिक हालात में सरकार कोई फैसला लेगी या नहीं यह कहना मुश्किल है। फडसालकर ठाणे पुलिस कमिश्नर रहे हैं और बागी एकनाथ शिंदे के करीबी माने जाते हैं इसलिए उनकी नियुक्ति मुश्किल है।
मुंबई पुलिस की कुर्सी इतनी अहम है कि महाविकास आघाडी सरकार के तीनों घटक दलों शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस की सहमति के बिना नियुक्ति विवाद पैदा कर सकती है। ऐसे में पुरानी परंपरा के मुताबिक महानगर के दूसरे सबसे वरिष्ठ अधिकारी को मुंबई पुलिस आयुक्त की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। फिलहाल मुंबई में संयुक्त पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) विश्वास नांगरे पाटील और संयुक्त पुलिस आयुक्त (यातायात) राज्यवर्धन सबसे वरिष्ठ अधिकारियों में से हैं। दोनों 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। नांगरे पाटील को राकांपा और शरद पवार का करीबी माना जाता है ऐसे में हो सकता है कि अस्थायी तौर पर उन्हें मुंबई पुलिस की कमान सौंपी जाए।