साधु-संतों के साथ मिलकर नर्मदा, क्षिप्रा और मंदाकिनी नदी करेंगे प्रदूषण मुक्त

साधु-संतों के साथ मिलकर नर्मदा, क्षिप्रा और मंदाकिनी नदी करेंगे प्रदूषण मुक्त

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-17 12:40 GMT
साधु-संतों के साथ मिलकर नर्मदा, क्षिप्रा और मंदाकिनी नदी करेंगे प्रदूषण मुक्त

डिजिटल डेस्क, सतना। नर्मदा, क्षिप्रा और मंदाकिनी को प्रदूषण मुक्त कर सदानीरा बनाने के लिए कमलनाथ सरकार द्वारा गठित नदी न्यास आयोग के अध्यक्ष कम्प्यूटर बाबा शनिवार को चित्रकूट पहुंचे। उन्होंने यहां सबसे पहले जानकीकुण्ड स्थित पंजाबी भगवान आश्रम में मां मंदाकिनी की विधिवत पूजा-अर्चना की। इस मौके पर चित्रकूट विधायक समेत अनेकों साधु-संत मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि साधु-संतों के साथ मिलकर मंदाकिनी को सदानीरा बनाएंगे तो मां नर्मदा के अवैध खनन में अंकुश लगाया जाएगा। गौरतलब है कि नर्मदा, क्षिप्रा और मंदाकिनी जैसी पवित्र नदियों को अवैध उत्खनन और प्रदूषण से बचाने के लिए 10 मार्च को नदी न्यास आयोग का गठन किया गया है जिसका दायित्व कम्प्यूटर बाबा को सौंपा गया है।

सीवरेज लाइन से जोड़े जाएंगे मठ-मंदिर
कम्प्यूटर बाबा ने चित्रकूट के साधु-संतों के साथ काफी देर तक बैठक की और पुण्य सलिला मंदाकिनी को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए उनसे राय-मशविरा किया। कई साधु-संतों ने नदी न्यास आयोग के अध्यक्ष को अपनी पीड़ा बताई। संतों ने कहा कि सीवेज प्लांट न होने के कारण अधिकांश मठ-मंदिरों की गंदगी का मुहाना मंदाकिनी में खुलता है। इस पर कम्प्यूटर बाबा ने कहा कि वो मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात कर सीवरेज लाइन के संबंध में संतों की बात उनके सामने रखेंगे और जो भी यथासंभव प्रयास किए जाएंगे।

अब नर्मदा छलनी नहीं होगी
पत्रकार वार्ता में कम्प्यूटर बाबा ने कहा कि अब नर्मदा नदी अवैध उत्खनन से छलनी नहीं होगी। हम सरकार के साथ मिलकर नर्मदा में चल रहे अवैध उत्खनन को बंद करा कर ही दम लेंगे। बाबा ने कहा कि तीनों नदियों को प्रदूषण मुक्त बनाने का काम आचार संहिता के बाद तेजी से शुरू हो जाएगा। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि एक संत का काम केवल पूजा-पाठ और भजन ही नहीं है, बल्कि मठ-मंदिर, कुटिया और धर्म को बचाना भी है। बाबा ने चेतावनी दी कि पवित्र नदियों में अवैध उत्खनन करने वालों को संभल जाना चाहिए।

साधु-संत ही बनाएंगे राम मंदिर
कम्प्यूटर बाबा ने कहा कि राम मंदिर मुद्दे पर संतों का इस्तेमाल किया गया। वो सुप्रीम कोर्ट का सम्मान करते हैं। मगर यह मसला मध्यस्थता से सुलझने वाला नहीं है। श्री श्री रविशंकर जी ने करके देख भी लिया। लच्छेदार बात करने से राम मंदिर का निर्माण नहीं होगा। अयोध्या में राम मंदिर अब साधु-संत ही बनाएंगे। जुमलेबाजी से जनता को ज्यादा दिनों तक मूर्ख नहीं बनाया जा सकता।

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