एंजियोप्लास्टी का पूरा क्लेम देने से कतरा रही नेशनल इंश्योरेंस कंपनी

पॉलिसी धारक के मेल का जवाब भी नही दे रहे जिम्मेदार एंजियोप्लास्टी का पूरा क्लेम देने से कतरा रही नेशनल इंश्योरेंस कंपनी

Safal Upadhyay
Update: 2022-05-17 11:32 GMT
एंजियोप्लास्टी का पूरा क्लेम देने से कतरा रही नेशनल इंश्योरेंस कंपनी

डिजिटल डेस्क, जबलपुर। बीमा कंपनी किस तरह आम लोगों के साथ गोलमाल कर रही है इसकी लगातार शिकायते आ रही है। ऐसी ही एक शिकायत आई है, जिसमें बीमित को अस्पताल में कैशलेस नही किया गया। ठीक होने के बाद जब बीमित ने बिल सबमिट किया तो जिम्मेदारो ने नो क्लेम कर दिया। मामला कंज्यूमर कोर्ट गया और वहां पर सुनवाई के बाद भुगतान करने का आदेश बीमा कंपनी को हुआ। कोर्ट के आदेश होने के बाद भी बीमा कंपनी पूरा भुगतान करने में आनाकानी करने में लगी हुई है। बीमित का आरोप है कि जिम्मेदार जानबूझकर परेशान कर रहे है। पीडि़त ने जिम्मेदारो के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की मांग प्रशासन से की है। 

इन नंबरो पर बीमा से संबंधित ही समस्या बताए-  

इस तरह की समस्या यदि आपके साथ भी है तो आप दैनिक भास्कर, जबलपुर के मोबाइल नंबर -9425324184, 9425357204 पर बात करके प्रमाण सहित अपनी बात रख सकते हैं। संकट की इस घड़ी में भास्कर द्वारा आपकी आवाज को खबर के माध्यम से उचित मंच तक पहुँचाने का प्रयास किया जाएगा।

सालो से परेशान है पॉलिसी धारक भुगतान के लिए-

बालाघाट केशर प्लाजा निवासी संजय गुप्ता ने अपनी शिकायत में बताया कि उन्होंने नेशनल इंश्योरेंस कंपनी से अपना स्वास्थ्य बीमा कराया था। उन्हें अचानक सीने में दर्द होने के कारण चैक कराया तो चिकित्सको ने एंजियोप्लास्टी कराने की सलाह दी थी। वर्ष 2010 में उन्होंने पूरा चैक कराया तो तीन जगह पर ब्लाकेज निकला। बैंगलोर के निजी अस्पताल में चैक कराने के बाद वहीं पर इलाज के लिए भर्ती हो गया था। वहां पर बीमा कंपनी का कैशलेस कार्ड दिया तो बीमा अधिकारियों ने कैशलेस से इंकार कर दिया था। उन्होंने ठीक होने के बाद बीमा कंपनी में सारे दस्तावेज जमा किए और क्लेम सेटल करने का आवेदन दिया तो बीमा कंपनी ने अनेक प्रकार के तथ्य दिए और क्लेम नही देने की बात की। परेशान होकर संजय ने क्लेम पाने के लिए कंज्यूमर कोर्ट में आवेदन दिया था। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए बीमा कंपनी को ब्याज सहित क्लेम देने का आदेश दिया था। चार साल पूर्व कोर्ट ने ब्याज सहित भुगतान का आदेश दिया था पर अधिकारियों ने मूल राशि देकर पूरे प्रकरण को इतिश्री कर दिया और पॉलिसी धारक लगातार बीमा कंपनी से संपर्क कर रहा है पर नियमों का हवाला देकर बीमित को टीपीए गुमराह कर रही है। बीमित का आरोप है कि क्लेम डिपार्टमेंट के अधिकारी जानबूझकर परेशान कर रहे है।
 

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