नक्सल प्रभावित गड़चिरोली को मिलेगा हेलिकॉप्टर, राज्य सरकार से गृह मंत्रालय को मिली हरी झंडी 

नक्सल प्रभावित गड़चिरोली को मिलेगा हेलिकॉप्टर, राज्य सरकार से गृह मंत्रालय को मिली हरी झंडी 

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-08 15:42 GMT
नक्सल प्रभावित गड़चिरोली को मिलेगा हेलिकॉप्टर, राज्य सरकार से गृह मंत्रालय को मिली हरी झंडी 

डिजिटल डेस्क, गड़चिरोली। देश के नक्सल प्रभावित 35 जिलों की सूची में शामिल गड़चिरोली को जल्द ही एक हेलीकॉप्टर मिलने जा रहा है, जिसकी मदद से घायलों को तत्काल स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। हेलिकॉप्टर आधुनिक मेडिकल सुविधाओं से लैस होगा। हालांकि जिले में पवनहंस नामक हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल कई वर्षों से हो रहा है, जिसे किराये पर लिया जाता है और इसके किराए से सरकारी तिजोरी पर खासा असर पड़ता रहा है। अप्रैल 2015 से अगस्त 2016 तक हेलिकाप्टर के किराए पर कुल 27 करोड़ 46 लाख 56 हजार रुपए खर्च हो चुके हैं। तो वहीं सितंबर 2016 से अगस्त 2017 तक का किराया बकाया होना बताया जा रहा है। 

तब घायलों को वक्त पर नहीं मिला था इलाज

साल 2009 में धानोरा तहसील के मरकेगांव में 14, हत्तीगोटा में 15 और लाहेरी में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ों के दौरान 17 जवान शहीद हुए थे, लेकिन तीनों मुठभेड़ों के घायलों को समय पर इलाज नहीं मिल सका था। मामले को गंभीरता से लेकर केंद्र और राज्य सरकार ने डॉफिन-एन (पवनहंस) हेलिकॉप्टर किराए पर दिलाया था, जिसके लिए मुंबई की एक निजी कंपनी से करार हुआ था। 

हेलिकॉप्टर की एवरेज लाइफ 30 वर्ष

जानकारों के मुताबिक, हेलिकॉप्टर की एवरेज लाइफ 30 वर्ष तक होती है और डॉफिन-एन को 15 साल से अधिक हो चले हैं। ऐसे में इसके मेंटेनेंस पर मोटी रकम खर्च हो रही है। बताया जा रहा है कि अपातकालीन समय में इस हेलिकॉप्टर का उपयोग चंद्रपुर जिले के लिए भी किया जा सकेगा।

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