नीट प्रकरण : सुप्रीम कोर्ट ने नागपुर बेंच का आदेश रखा बरकरार

नीट प्रकरण : सुप्रीम कोर्ट ने नागपुर बेंच का आदेश रखा बरकरार

Anita Peddulwar
Update: 2018-06-23 09:02 GMT
नीट प्रकरण : सुप्रीम कोर्ट ने नागपुर बेंच का आदेश रखा बरकरार

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश की सर्वोच्च अदालत ने नेशनल इजिबिलिटी एट्रेंस टेस्ट (नीट) पर नागपुर बेंच का फैसला कायम रखा है। परीक्षार्थी वैष्णवी मणियार की याचिका पर 15 जून को नागपुर बेंच ने फैसला दिया था कि CBSE को  हुड़केश्वर स्थित आदर्श संस्कार विद्यालय के कक्ष क्रमांक-39 के सभी 24 परीक्षार्थियों को प्रतिपूर्ति के अंक देने होंगे। CBSE ने हाईकोर्ट के इस आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। सर्वोच्च न्यायालय ने इसमें कोई भी परिवर्तन करने से मना करते हुए याचिका खारिज कर दी। सर्वोच्च न्यायालय ने CBSE को 10 दिन के भीतर नागपुर बेंच के फैसले पर अमल करने को कहा है।

यह था मामला
एक स्टूडेंट ने हाईकोर्ट में दायर अपनी याचिका में आरोप लगाया था कि एग्जाम के नियोजन में लापरवाही के कारण उसके और अन्य परीक्षार्थियों का 30 मिनट का समय व्यर्थ चला गया। याचिकाकर्ता के अनुसार सुबह 10 से दोपहर 1 बजे तक की इस एग्जाम में परीक्षा पर्यवेक्षक के आने के बाद सुबह 10.30 बजे प्रश्न पत्रों का लिफाफा खोला गया। स्टूडेंट के अनुसार ऐसी स्थिति में परीक्षार्थियों को दोपहर 1.30 बजे तक का वक्त दिया जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, उन्हें केवल 1 बजे तक का ही समय दिया गया।

स्टूडेंट के साथ हुए इस वाकये को हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी की रिपोर्ट पर गौर करने और मामले से जुड़ी सभी दलीलें सुनने के बाद इसे सच माना था। साथ ही  हाईकोर्ट ने CBSE को फटकारते हुए कहा था कि उनका रवैया चौंकाने वाला ही नहीं बल्कि निराशजनक भी है। CBSE बोर्ड देश के लाखों स्टूडेंट्स के भविष्य का पालक होता है। ऐसे में स्टूडेंट्स की शिकायतों पर इस तरह का सख्त रवैया अपनाना सही नहीं है। इस तरह के रवैये से स्टूडेंट्स निराशा में में भी घिर आते हैं। सर्वोच्च न्यायालय के  ही एक फैसले के मद्देनजर कोर्ट ने इस प्रकरण में भी स्टूडेंट्स को 30 घंटे की प्रतिपूर्ति स्वरूप अंक देने के आदेश दिए थे। 
 

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