फर्जी अंकसूची से लैब टेक्नीशियन बनने वाले 4 आरोपियों को अग्रिम जमानत नहीं

फर्जी अंकसूची से लैब टेक्नीशियन बनने वाले 4 आरोपियों को अग्रिम जमानत नहीं

Bhaskar Hindi
Update: 2021-07-21 08:52 GMT
फर्जी अंकसूची से लैब टेक्नीशियन बनने वाले 4 आरोपियों को अग्रिम जमानत नहीं

अभियोजन ने कहा- अभी बाकी है मामले की छानबीन
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
मप्र हाईकोर्ट ने फर्जी अंकसूची से लैब टेक्नीशियन बनने वाले चार आरोपियों को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। जस्टिस राजीव कुमार दुबे की एकल पीठ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद कहा कि मामला गंभीर है, ऐसे मामले में अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है। सीएमएचओ जबलपुर ने 8 मार्च 2019 को ओमती थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि बिलहरी जबलपुर निवासी अरविंद रजक, सिवनी निवासी साधना मर्सकोले, डिण्डौरी निवासी संदीप बर्मन और कटनी निवासी कढ़ोरी लाल प्रजापति को लैब टेक्नीशियन के पद पर नियुक्ति दी गई थी। आरोपियों ने नियुक्ति के पूर्व प्रथम श्रेणी की हायर सेकेंडरी की अंकसूची लगाई थी। जब उनकी अंकसूची का सत्यापन कराया गया तो पाया गया कि चारों ने द्वितीय श्रेणी में हायर सेकेंडरी परीक्षा उत्तीर्ण की थी, नौकरी पाने के लिए फर्जी अंक सूची लगाई थी। जाँच के बाद ओमती पुलिस ने धारा 420, 467, 468, 471 और 120 बी का प्रकरण दर्ज किया है। आरोपियों की ओर से दलील दी गई कि उन्हें झूठा फँसाया गया है। शासकीय अधिवक्ता प्रदीप गुप्ता ने तर्क दिया कि आरोपियों ने फर्जी अंक सूची कहाँ से तैयार कराई है, इस संबंध में उनसे पूछताछ करनी है। इसको देखते हुए उन्हें अग्रिम जमानत का लाभ नहीं दिया जाए। एकल पीठ ने चारों आरोपियों को अग्रिम जमानत देने से इनकार कर दिया।  

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