एमबीबीएस डॉक्टरों लायक ग्रामीण क्षेत्र में माहौल व सुविधाएं नहीं- डॉ. सेन
एमबीबीएस डॉक्टरों लायक ग्रामीण क्षेत्र में माहौल व सुविधाएं नहीं- डॉ. सेन
डिजिटल डेस्क, नागपुर। एमबीबीएस डॉक्टर ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा देना चाहते हैं और ग्रामीण क्षेत्र की आम जनता को एमबीबीएस डॉक्टर के हाथों से उपचार मिल सकता है, लेकिन वहां अस्पताल और उनके रहने के लिए उचित इन्फ्रास्ट्रक्चर और मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। एमबीबीएस डॉक्टर ग्रामीण क्षेत्र में नहीं जाते है सरकार भ्रम फैलाने वाले आंकड़े प्रस्तुत करती है। यह बात इंिडयन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस से राज्यसभा सांसद डॉ. सांतनू सेने ने कही। वह आईएमए हाउस में पत्रकारों से चर्चा के दौरान शनिवार को बोल रहे थे। इस अवसर पर आईएमए के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ.अशोक अढाव, आईएमए नागपुर अध्यक्ष डॉ.कुश झुनझुनवाला, सचिव डॉ.मंजुषा गिरी व डॉ.रमेश कुमार गुप्ता प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
उन्होंने कहा कि नेशनल मेडिकल कमीशन (एनएमसी) बिल में निजी मेडिकल कॉलेज में 50 फीसदी सीट की फीस वह खुद से तय करेंगे। ऐसे में ग्रामीण क्षेत्र के होनहार और मेहनती छात्रों को मौका नहीं कम मिल पाएगा क्योंकि उनके पास उतने पैसे नहीं होंगी जबकि वह सेवाभावी होने के साथ ही मेरिट में रहते है। वहीं दूसरी ओर अमीर लोगों के बच्चे वहां प्रवेश लेंगे क्योंकि उनके माता-पिता मेडिकल कॉलेज की मोटी फीस भरने में सक्षम है। इस दौरान उन्होंने एनएमसी बिल में शुरुआत की परीक्षा परिणाम एक विश्वविद्यालय जबकि अंतिम परीक्षा परिणाम दूसरा विश्वविद्यालय के देने, ब्रिज कोर्स पर कहा कि सामान्य-सी जानकारी वाले व्यक्ति को विशेषज्ञ का दर्ज देना ठीक नहीं है। कंज्युमर फोर्म के बारे में कहा कि शिकायतों के कारण वह डर से चिकित्सक जरुरी ना होने पर भी जांच करवाने को मजबूर है अन्यथा बाद में भरपाई के िलए मोटी रकम मांगी जाती है ऐसे में मरीज पर उपचार का भार बढ़ रहा है। आईएमए के विरोध के बाद कंज्युमर फोर्म से स्वास्थ्य सेवा को बाहर कर दिया।
डॉक्टरों पर हमला वैश्विक समस्या
डॉ.सेन ने कहा कि डॉक्टरों पर हमला किसी राज्य की या स्थानीय समस्या नहीं है यह देश के साथ वैश्विक समस्या हो गई है। इसके लिए सेंट्रल एक्ट की आवश्यकता है। स्वास्थ्य की ओर किसी का ध्यान नहीं है। आयुष्मान भारत योजना को लांच किया लेकिन उसके लिए अलग से बजट नहीं दिया। जब डॉक्टर स्वस्थ्य होंगे तो मरीज, समाज और देश स्वस्थ्य रहेगा।