नहीं इसलिए नहीं बनता क्लेम कोरोना कवच-रक्षक पॉलिसी भी सहारा नहीं दे रहीं पीड़ा के वक्त

नहीं इसलिए नहीं बनता क्लेम कोरोना कवच-रक्षक पॉलिसी भी सहारा नहीं दे रहीं पीड़ा के वक्त

Bhaskar Hindi
Update: 2021-06-07 13:04 GMT
नहीं इसलिए नहीं बनता क्लेम कोरोना कवच-रक्षक पॉलिसी भी सहारा नहीं दे रहीं पीड़ा के वक्त

इफको टोकियो ने कई कोरोना कवच, कोरोना रक्षक पॉलिसी धारकों से किया छल; कहा-  रिपोर्ट में कोविड के लक्षण नहीं बताए गए, रिकॉर्ड शर्तों के अनुसार
डिजिटल डेस्क जबलपुर ।
कोरोना काल में हजारों लोग हैं जिनने कोरोना कवच, कोरोना रक्षक जैसी पॉलिसियाँ इसलिए लीं, क्योंकि उन्हें जब अस्पताल में भर्ती होकर इलाज की जरूरत पड़े तो आर्थिक जोखिम से बचा जा सके। इसके लिए बड़ी ईमानदारी से प्रीमियम भरा और जब ऐसे लोग बीमारी के बाद भर्ती हुये तो इफको टोकियो जैसी इंश्योरेंस कंपनियों ने पीडि़तों के दस्तावेजों को सीधे तौर पर नकारना शुरू कर दिया। लोगों का आरोप है िक अपनी सुविधा के अनुसार शर्तों को कंपनी ने तय िकया और जो नेटवर्क हॉस्पिटल से दस्तावेज लाकर दिये जा रहे उन्हें भी सीधे तौर पर नकारा जा रहा है। कई प्रकरण में क्लेम केवल इसलिए नकार दिया गया कि कोरोना पॉजिटिव होने के बाद कोरोना के लक्षणों का विवरण स्पष्ट नहीं किया गया है।  चिकित्सकीय दस्तावेजों में खासकर जाँच रिपोर्ट से संबंधित लक्षण का कॉलम वर्णित होता है उसमें स्पष्ट टिक लगा होता है पर कंपनी अनेक प्रकरण में इस तरह के कागजातों को प्रमाणित नहीं मान रही। क्लेम रिजेक्ट वाले ऐसे उपभोक्ताओं ने अपनी पीड़ा अब जिला प्रशासन के सामने रखी है। 
 

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