नागपुर के  90 फीसदी पुलों का स्ट्रक्चरल ऑडिट नहीं

नागपुर के  90 फीसदी पुलों का स्ट्रक्चरल ऑडिट नहीं

Anita Peddulwar
Update: 2019-07-19 10:05 GMT
नागपुर के  90 फीसदी पुलों का स्ट्रक्चरल ऑडिट नहीं

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लोककर्म विभाग के अधिकार क्षेत्र में आने वाले नागपुर विभाग में छोटे-बड़े कुल 535 पुल हैं, जिसमें से केवल 20 पुलों का ही स्ट्रक्चरल आडिट होने का खुलासा आरटीआई में हुआ है। स्ट्रक्चरल आडिट से पुलों की मजबूती व खामी का पता चलता है। आडिट के बाद पुलों की मरम्मत या दुरुस्ती की जाती है। 90 फीसदी से ज्यादा पुलों का स्ट्रक्चरल आडिट नहीं होना गंभीर बात है, वहीं विभाग की तरफ से स्पष्ट किया गया कि नागपुर विभाग में पुलों की स्थिति अच्छी होने से फिलहाल स्ट्रक्चरल आडिट करने की जरूरत नहीं पड़ी। 

बात गंभीर है
राज्य में सड़क व पुल बनाने की जिम्मेदारी लोक कर्म विभाग की है। नागपुर विभाग (नागपुर, वर्धा, गडचिरोली, गांेदिया, भंडारा व चंद्रपुर) में 535 छोटे-बड़े पुल है। कुछ पुल तो अंगरेजों के जमाने के हैं। केवल 20 पुलों का ही स्ट्रक्चरल आडिट होना गंभीर बात है। बारिश के माैसम में पुल धंसने या टूटने की घटनाएं होती रहती हैं। जिन पुलों का स्ट्रक्चर आडिट किया गया है, उसमें कोई खामी नहीं होने की सफाई विभाग की तरफ से दी गई है। अन्य पुलों की स्थिति अच्छी होने से स्ट्रक्चरल आडिट करने की जरूरत नहीं पड़ी। 

अंगरेजों के जमाने की पुल की मियाद खत्म
कन्हान नदी पर बना पुल अंगरेजों के समय का है। अंगरेजों ने इस पुल का निर्माण किया था। इस पुल का आडिट हुआ है आैर विभाग ने इस पुल को खतरनाक नहीं माना है। इस पुल की आयु खत्म होने से इस पर से भारी वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया है। यहां से हल्के वाहन गुजरते है। इस पुलिया के करीब से ही नेशनल हाई-वे का रास्ता है। नेशनल हाई-वे का रास्ता पुलिया से गुजरने से लोग इसी वैकल्पिक रास्ते का इस्तेमाल करते हैं।

इस कंपनी को दी है जिम्मेदारी
लोककर्म विभाग ने पुलों के आडिट की जिम्मेदारी एससीजी कंसलटेंसी सर्विसेस मुंबई को दी थी। सेवानिवृत्त तकनीकी अधिकारी एस. जी. गुप्ता की अगुवाई में कंपनी की टीम ने 20 पुलों का स्ट्रक्चरल आडिट किया था।

ऑडिट से खतरा टाला जा सकता  
नागपुर विभाग में छोटे-बड़े 535 पुल हैं और लोक कर्म विभाग की तरफ से केवल 20 पुलों का स्ट्रक्चरल ऑडिट करना गंभीर बात है। बारिश के मौसम में पुलों को खतरा होता है। दुर्घटना होने के बाद सारी एजेंसियां व अधिकारी घटनास्थल पहुंचते हैं, लेकिन पहले से आडिट हुआ तो खतरा टाला जा सकता है। 
-अभय कोलारकर, आरटीआई एक्टिविस्ट नागपुर.

हर साल होता हैं निरीक्षण
लोक कर्म विभाग के मैन्युअल पर नजर डालें तो हर साल पुलों का इंस्पेक्शन होता है। नागपुर विभाग के सभी 535 पुलों का इंस्पेक्शन नियमित रूप से हो रहा है। 20 के अलावा अन्य पुलों के स्ट्रक्चरल आडिट की जरूरत नहीं समझी जा रही है।  इंस्पेक्शन के दौरान जो खामी दिखाई देती है, उसकी रिपोर्ट तैयार करके पुल की दुरुस्ती कर दी जाती है। 200 मीटर से ज्यादा पुल की मुख्य अभियंता, इससे कम की अधीक्षक अभियंता, 30 मीटर तक पुल की कार्यकारी अभियंता व इससे कम पुल का इंस्पेक्शन उपकार्यकारी अभियंता इंस्पेक्शन करते हैं। 

नागपुर विभाग के पुल खतरनाक नहीं 
हर साल पुलों का नियमित रूप से इंस्पेक्शन होता है। बड़ी खामी रही, जैसे आवाजाही के लिए खतरनाक या पुल कमजोर होने पर एजेंसी के माध्यम से स्ट्रक्चरल आडिट किया जाता है। नागपुर विभाग के सभी पुल फिलहाल अच्छी स्थिति में हैं। पुल खतरनाक स्थिति में नहीं होने से स्ट्रक्चरल आडिट की जरूरत नहीं है।  -उल्हास देबडवार, मुख्य अभियंता लोक कर्म विभाग नागपुर. 
 

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