डुमना एयरपोर्ट को लेकर मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को नोटिस

डुमना एयरपोर्ट को लेकर मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को नोटिस

Bhaskar Hindi
Update: 2017-09-05 03:51 GMT
डुमना एयरपोर्ट को लेकर मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को नोटिस

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। जबलपुर एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) की ओर से सोमवार को हाईकोर्ट में कहा गया कि डुमना हवाई अड्डे में बिजली के तारों को अंडरग्राउंड करने का काम तेजी से चल रहा, जो करीब 45 दिनों में पूरा हो जाएगा। इसी तरह नई टर्मिनल बिल्डिंग का ठेका भी इसी माह जारी कर दिया जाएगा। इस बयान पर गौर करने के बाद चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने मप्र पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी की ओर से पैरोकार के हाजिर न होने पर उसको फिर से नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। मामले पर अगली सुनवाई 23 अक्टूबर को होगी।

गौरतलब है कि इंजीनियर सुधीरचंद्र दत्त की ओर से 2004 में दायर इस मामले में अभी एयरपोर्ट के विस्तारीकरण के मुद्दे पर हाईकोर्ट में सुनवाई की जा रही है। इस मामले पर हाईकोर्ट ने AAI से पूछा था कि किस तरह डुमना के मौजूदा हवाई अड्डे को घरेलू हवाई अड्डा और फिर दूसरे चरण में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाया जा सकता है। दो चरणों में इसलिए, ताकि समय और खर्च की बचत हो सके। पहले हुई सुनवाई के दौरान डुमना एयरपोर्ट में रनवे के विस्तार में बाधक बन रहे बिजली के तारों को अब अंडरग्राउड करने का बयान AAI की ओर से दिया गया था, ताकि तारों से कोई विमान न टकरा पाए। तारों की शिफ्टिंग का पूरा खर्च एयरपोर्ट अथॉरिटी ने खुद उठाने की बात भी कही थी।

मामले में 14 जुलाई को हुई सुनवाई के दौरान AAI की ओर से कहा गया था कि पहले एयरपोर्ट की नई टर्मिनल बिल्डिंग बनेगी और फिर नया एटीसी और नया रनवे बनेगा। नई बिल्डिंग की डिजाईन के लिए टेंडर बुलाए गए हैं, जो जल्द खोले जाएंगे। 10 अगस्त को हुई सुनवाई के दौरान युगलपीठ को बताया गया था कि AAI ने हाईटेंशन लाईन को अंडरग्राउंड करने के लिए विद्युत वितरण कंपनी के पास रकम जमा कर दी है। इस पर युगलपीठ ने पूर्व क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए थे। मामले पर सोमवार को आगे हुई सुनवाई के दौरान AAI की ओर से अधिवक्ता अनूप नायर ने डुमना एयरपोर्ट के बारे में जानकारियां दी। युगलपीठ ने विद्युत वितरण कंपनी को नोटिस जारी करके सुनवाई मुलतवी कर दी। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मनीष दत्त व अधिवक्ता सिद्धार्थ दत्त पैरवी कर रहे हैं।

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