शहर में शराब दुकान न खोलने की जनहित याचिका पर सरकार को नोटिस
शहर में शराब दुकान न खोलने की जनहित याचिका पर सरकार को नोटिस
डिजिटल डेस्क जबलपुर । सरकार द्वारा रेड जोन घोषित जबलपुर शहर में शराब की दुकानें न खोलने के निर्देश सरकार को दिए जाने की प्रार्थना करने वाली नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के अध्यक्ष डॉ. पीजी नाजपाण्डे की जनहित याचिका पर चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली युगलपीठ ने नोटिस जारी करने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता संजय अग्रवाल का पक्ष सुनने के बाद युगलपीठ ने अगली सुनवाई 2 जून को निर्धारित की है।
अलग-अलग जिलों के शराब ठेकों को चुनौती
इसी तरह सतना, रीवा, होशंगाबाद और हरदा जिले के शराब ठेकों को लेकर दायर याचिकाओं पर सीजे की अध्यक्षता वाली बैंच ने सुनवाई 2 जून तक के लिए मुलतवी कर दी है। सुनवाई के दौरान इन मामलों में भी राज्य सरकार की ओर से कहा गया कि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ फिलहाल कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता संजय अग्रवाल, संजय वर्मा, संकल्प कोचर पैरवी कर रहे हैं। वहीं खरगौन में आवंटित हुई शराब दुकान की फिर से नीलामी किए जाने को अंतिम रूप देने पर युगलपीठ ने रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता अर्पित चौकसे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह और अधिवक्ता गुंजन चौकसे की दलील थी कि उक्त दुकान उनके मुवक्किल को आवंटित हुई थी, लेकिन शेष राशि जमा न होने के कारण उक्त दुकान फिर से नीलाम कर दी गई, जो अवैधानिक है।
पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष को राहत
कमलनाथ सरकार द्वारा पिछड़ा वर्ग आयोग में अध्यक्ष बनाए गए जेपी धनोपिया को मौजूदा सरकार द्वारा हटाए जाने पर जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की एकलपीठ ने यथास्थिति बनाए रखने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अजय मिश्रा और अधिवक्ता अंकित मिश्रा ने सुनवाई के दौरान अदालत को बताया कि 17 मार्च को हुई नियुक्ति के दिन ही उनके मुवक्किल ने कार्यभार ग्रहण कर लिया था, लेकिन सरकार बदलते ही उनकी नियुक्ति निरस्त करना अवैधानिक है। सुनवाई के बाद अदालत ने सरकार को नोटिस जारी कर अंतरिम आदेश दिए।