अब गुंठेवारी से नियमित किए गए ले-आउट पर हो सकेगा निर्माण

अब गुंठेवारी से नियमित किए गए ले-आउट पर हो सकेगा निर्माण

Anita Peddulwar
Update: 2019-07-11 06:00 GMT
अब गुंठेवारी से नियमित किए गए ले-आउट पर हो सकेगा निर्माण

डिजिटल डेस्क, नागपुर। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने साफ किया है कि गुंठेवारी अधिनियम के तहत नियमित किए गए भू-खंडों पर निर्माणकार्य किया जा सकता है। लेकिन कोर्ट के 11 जुलाई 2018 के आदेश के अनुसार सार्वजनिक उपयोग के लिए निर्धारित भू-खंडों पर निर्माणकार्य नहीं किया जा सकेगा। याचिकाकर्ता अजय तिवारी द्वारा दायर याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान नागपुर सुधार प्रन्यास ने कोर्ट से अपने पुराने आदेश पर मार्गदर्शन मांगा था, जिसके कारण नियमित किए भू-खंडों पर निर्माणकार्य को अनुमति नहीं दी जा रही है। सुनवाई में मनपा का पक्ष रखते हुए एड.जेमिनी कासट ने बताया कि गुंठेवारी में नियमित हो चुके भू-खंडों पर निर्माणकार्य हो सकता है। हां, जो नियमित नहीं हुए है और जो भू-खंड सार्वजनिक उपयोग के हैं, उस पर निर्माणकार्य को अनुमति नहीं दी जा सकती। मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने उक्त निरीक्षण दिया है। 

यह है मामला

याचिकाकर्ता के अनुसार, शहर कांक्रीट का जंगल बन गया है। यहां पार्किंग के पर्याप्त प्रबंध भी नहीं हैं। लोग सड़कों पर वाहन पार्क करते हैं। सार्वजनिक उपयोग के लिए निर्धारित भूखंडों पर बड़े पैमाने पर लोग अतिक्रमण कर रहे हैं। अनधिकृत निर्माणकार्य को नियमित करने के लिए राज्य सरकार ने वर्ष 2001 में महाराष्ट्र गुंठेवारी अधिनियम तैयार किया, जिसके तहत नासुप्र ने शहर के 6,800 एकड़ पर अनधिकृत ले-आउट को नियमित किया है। इसमें सार्वजनिक उपयोग के लिए आरक्षित 11 करोड़ 35 लाख 66 हजार 500 वर्ग फीट अनधिकृत ले-आउट शामिल हैं। नासुप्र ने 252 इमारतों के निर्माण को अनुमति दी है, उसमें से 214 अनधिकृत हैं। याचिकाकर्ता का दावा है कि यह सब अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन करके किया जा रहा है। मामले में याचिकाकर्ता की ओर से एड. अनिल कुमार ने पक्ष रखा। उल्लेखनीय है कि गुंठेवारी अधिनियम बनने के बाद शहर में व्यापक रूप से फैले भूखंडों पर अतिक्रमण करने वालों को नियमों का हवाला देते हुए अतिक्रमण हटाने के भी निर्देश दिए गए हैं।
 

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