अब रेलवे में ट्रेन कंट्रोल सिस्टम 'त्रिनेत्र' का इस्तेमाल होगा बंद

अब रेलवे में ट्रेन कंट्रोल सिस्टम 'त्रिनेत्र' का इस्तेमाल होगा बंद

Anita Peddulwar
Update: 2018-04-14 09:22 GMT
अब रेलवे में ट्रेन कंट्रोल सिस्टम 'त्रिनेत्र' का इस्तेमाल होगा बंद

डिजिटल डेस्क,नागपुर। ट्रेनों में अब यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम लगाया जाने वाला है। इससे लोको पायलट घने कोहरे में भी देख सकेंगे। ट्रेनों की लेट-लतीफी पर रोक लगेगी। हालांकि रेलवे अभी कोहरे के दौरान त्रिनेत्र सिस्टम को कुछ ट्रेनों में इस्तेमाल कर रहा था, लेकिन यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम उससे कहीं अधिक एडवांस है। यह जानकारी रेलवे बोर्ड के सदस्य (कार्मिक) डी.के. गायन ने पत्रकारों से चर्चा में दी। नागपुर में आयोजित रेलवे पुरस्कार वितरण समारोह में शामिल होने के लिए वे पहुंचे थे। 

कुछ गाड़ियों में ही उपयोग किया जा रहा ‘त्रिनेत्र’ का
उन्होंने बताया कि भारतीय रेलवे में कुछ गाड़ियों में त्रिनेत्र सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है। इस सिस्टम में 3 कैमरों की मदद से कुछ किमी तक लोको पायलेट को पटरी पर हो रही हलचल दिखाई देती है, लेकिन अब इससे ज्यादा एडवांस यूरोपियन ट्रेन कंट्रोल सिस्टम का उपयोग किया जाने वाला है। इसमें लोको पायलट को दूर तक ट्रैक दिखाई देगा। इससे गाड़ियों को नियंत्रित करते हुए लेट-लतीफी से बचाया जा सकता है।

1 लाख 10 हजार पद भरे जाएंगे
रेलवे में पद भर्ती पर उन्होंने बताया कि 90 हजार खाली पदों को भरने का निर्णय पहले ही लिया जा चुका है। इसके बाद हाल में रेलमंत्री की ओर से और 20 हजार खाली पद भरने का निर्णय लिया गया है। ऐसे में अब 1 लाख 10 हजार खाली पदों को भरा जाएगा। इस वर्ष के अंत तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा। 

इंटरनेशनल दर्जे के बनेंगे स्टेशन
श्री गायन ने बताया कि, देशभर के रेलवे स्टेशनों को हाईटेक बनाने की कवायद रेलवे ने शुरू कर दी है। स्टेशनों को इंटरनेशनल स्टेशनों की तरह बनाया जाएगा, जिसमें नागपुर का भी समावेश रहेगा। इसके अलावा यात्री सुविधाओं में स्टेशनों के साथ गाड़ियों में वाई-फाई उपलब्ध कराना, सीसीटीवी लगाना, टिकट के स्टेटस के लिए एसएमएस जैसी सुविधाओं में वृद्धि की जा रही है। 

नौकरी मिलने के बाद लगन से काम नहीं करते
उन्होंने कहा कि, ट्रैकमेन पद के लिए उच्च शिक्षित युवक भी आवेदन करते हैं, लेकिन नौकरी मिलने के बाद लगन से काम नहीं करते हैं, क्योंकि मन में उनके पढ़ाई के अनुरूप उच्च पद की लालसा होती है, ऐसे में काम प्रभावित होता है। उच्च शिक्षित युवकों को मना तो नहीं किया जा सकता है, लेकिन शारीरिक परीक्षा के मापदंड बढ़ाए जाएंगे, ताकि शारीरिक रूप से पूरी तरह फिट कर्मचारी रेलवे को मिल सकें। इसके अलावा रेलवे कर्मचारी के प्रति भी रेलवे गंभीर है। मंडल स्तर पर कर्मचारियों की जांच यूनिट आदि का निर्माण किया जा रहा है। 

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