जिले के 49 हजार 348 स्कूली विद्यार्थी बीमार, अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों-उपकेंद्रों में योग की पाठशाला
जिले के 49 हजार 348 स्कूली विद्यार्थी बीमार, अब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों-उपकेंद्रों में योग की पाठशाला
डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिले के नगर परिषद, नगर पंचायत तथा ग्रामीण क्षेत्र में 49 हजार 348 विद्यार्थी विविध बीमारियों से ग्रस्त हैं। नागपुर ग्रामीण में सर्वाधिक 11 हजार विद्यार्थी बीमार पाए गए हैं। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य अभियान अंतर्गत विद्यार्थियों के स्वास्थ्य जांच में यह खुलासा हुआ है। जिले के 2 हजार 541 स्कूलों में 3 लाख 95 हजार 836 विद्यार्थियों के स्वास्थ्य जांच में बीमार विद्यार्थियों का आंकड़ा सामने आने की जानकारी शिक्षा विभाग से मिली है। बीमार विद्यार्थियों में 6 से 18 वर्ष उम्र के विद्यार्थियों का समावेश है। जिले के 2 हजार 541 स्कूलों में 3 लाख 95 हजार 836 विद्यार्थियों के
स्वास्थ्य जांच में सामने आया बीमार विद्यार्थियों का आंकड़ा
राज्य में फरवरी 2008 में राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य अभियान शुरू हुआ। इस अभियान अंतर्गत ग्रामीण व शहरी क्षेत्र में 6 से 18 वर्ष की आयु के शालेय विद्यार्थियों की स्वास्थ्य जांच की जाती है। ठाणे जिले के पालघर से शुरू हुआ अभियान वर्ष 2013 से संपूर्ण राज्य में अमल में लाया जा रहा है। जिले की 13 तहसीलों में ग्रामीण क्षेत्र के 2 हजार 413 स्कूलों में 3 लाख 61 हजार 88 विद्यार्थियों के स्वास्थ्य जांच करने पर 43 हजार 678 विद्यार्थी िवविध बीमारियों से ग्रस्त पाए गए हैं। नगर परिषद और नगर पंचायत के सीमा क्षेत्र अंतर्गत 131 स्कूलों में 45 हजार 331 विद्यार्थियों की जांच की गई। इसमें 5 हजार 670 विद्यार्थी बीमार मिले। नगर परिषद, नगर पंचायत और ग्रामीण क्षेत्र में कुल मिलाकर 49 हजार 348 विद्यार्थी बीमार मिलने की जानकारी सामने आई है। विविध बीमारियों से ग्रस्त विद्यार्थियों में जन्मजात िवकलांगता, शारीरिक िवकास में अवरोध, कुपोषण, संक्रामक तथा जलजन्य बीमारी से पीड़ितों का समावेश है।
तहसील स्वास्थ्य जांच बीमार
कामठी 13131 1758
नरखेड़ 20080 1721
मौदा 24956 1758
कलमेश्वर 11524 1329
भिवापुर 11448 710
उमरेड 26117 2271
पारशिवनी 23133 1942
तहसील स्वास्थ्य जांच बीमार
काटोल 25272 3662
रामटेक 20397 3764
कुही 21662 4256
सावनेर 38227 5097
हिंगना 42175 3645
नागपुर ग्रा. 82646 11028
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेंद्रों में योग की पाठशाला
वहीं ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ माने जाने वाले प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उपकेंद्रों में योग की पाठशाला लगने लगी है। केंद्र व राज्य सरकार के माध्यम से स्वास्थ्यवर्धिनी स्वास्थ्य सेवा शुरू की गई है। इस सेवा अंतर्गत 13 प्रकार की सेवाएं दी जाएंगी। योग प्रशिक्षण इसी की एक कड़ी है। जिले में 49 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 129 उपकेंद्रों में स्वास्थ्यवर्धिनी केंद्र स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों में सप्ताह में एक घंटा योग का पाठ पढ़ाया जा रहा है। जिले में 129 उपकेंद्रों में स्वास्थ्यवर्धिनी केंद्र मंजूर किए गए हैं। इन केंद्रों पर एक डॉक्टर रहेगा। डॉक्टरों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। उन्हें 6 महीने के प्रशिक्षण पर भेजा गया है। संभवत: मार्च महीने के पहले सप्ताह से स्वास्थ्यवर्धिनी केंद्रों पर डॉक्टरों की सेवा शुरू होगी। इन केंद्रों में सभी प्रकार के कैंसर का प्राथमिक रोग निदान, शुगर, ब्लड प्रेशर, नियमित टीकारण तथा मनोरोग की निदान व उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। यूनानी, आयुर्वेदिक, होमियोपैथी तथा योगा उपचार पद्धति से मरीजों को सेवा दी जाएगी। प्रसूति पूर्व सेवा, नवजात शिशु को दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवा, बाल्यावस्था तथा किशोरों के लिए आवश्यक टीकाकरण, परिवार नियोजन, प्रजनन संबंधि आवश्यस सेवा, संक्रामक बीमारियों के लिए बाह्य रुग्ण सेवा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम आदि सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएगी। स्वास्थ्यवर्धिनी केंद्रों पर डॉक्टरों की सेवा शुरू होने से पहले ही योगा के पाठ पढ़ाने की शुरुआत कर दी गई है। ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा बेहतर बनाने के लिए स्वास्थ्यवर्धिनी सेवा शुरू की गई है। जिले में 49 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 316 स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पहले से डॉक्टर सेवा दे रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा के लिए स्वास्थ्य सेवक तथा सेविका कार्यरत है। नियमित टीकाकरण, गर्भवती महिलाओं का परीक्षण तथा मार्गदर्शन, संक्रामक बीमारियों की रोकथाम के लिए उपाययोजना तथा प्राथमिक उपचार तक उनकी सेवा सीमित है। बीमार पड़ने पर ग्रामीणों को उपचार के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तथा शहरों के अस्पताल पहुंचने के सिवा कोई चारा नहीं है। इस समस्या से राहत दिलाने के लिए स्वास्थ्यवर्धिनी सेवा की संकल्पना लाई गई है।