प्रभारी प्राचार्य बनाने का खेल -विधायक के सवाल से परेशान शिक्षा विभाग के अधिकारियों की नींद उड़ी

प्रभारी प्राचार्य बनाने का खेल -विधायक के सवाल से परेशान शिक्षा विभाग के अधिकारियों की नींद उड़ी

Bhaskar Hindi
Update: 2020-03-14 09:03 GMT
प्रभारी प्राचार्य बनाने का खेल -विधायक के सवाल से परेशान शिक्षा विभाग के अधिकारियों की नींद उड़ी

डिजिटल डेस्क सीधी। चुरहट विधायक द्वारा विधानसभा में लगाये गये तारांकित सवाल का जवाब देने में शिक्षा विभाग को पसीना छूट रहा है। विधायक ने वरिष्ठ व्याख्याता के होने के वावजूद उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक, माध्यमिक शिक्षक को हाईस्कूल और उच्चतर माध्यमिक विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य बनाने की जानकारी मांगी है। 
विधायक शरदेन्दु तिवारी ने प्रश्न क्र.4446 के तहत स्कूल शिक्षा मंत्री से सवाल किया है कि चुरहट विधानसभा क्षेत्र में कुल कितने प्राथमिक, माध्यमिक, उच्च एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हैं। इनमें कितने छात्र, शिक्षक एवं अन्य कर्मचारी कार्यरत हेंै। ग्रामवार, विद्यालय के प्रकारवार, विद्यालय में छात्र संख्या एवं उनमें विषयवार शिक्षको ंकी संख्या देने को कहा है। इसके अलावा चुरहट विधानसभा में हाईस्कूल एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कितने व्याख्याताओं को प्राचार्य का प्रभार दिया गया है की जानकारी चाही गई है। विद्यालयों में या संकुल केन्द्रों में प्रभार प्राप्त व्याख्याता वरिष्ठतम व्याख्याता हैं कि नहीं यदि नहीं तो किन कारणों से उन्हें प्रभार सौंपा गया है। विधायक ने विधानसभा क्षेत्र में वरिष्ठ व्याख्याता के पदस्थ होने के वावजूद भी किसी उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक, माध्यमिक शिक्षक को हाईस्कूल एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का प्राचार्य का प्रभार दिये जाने की जानकारी मांगी है। उन्होंने अपने सवाल के अंतिम पैरा में पूछा है कि क्या माध्यमिक शिक्षक का प्रभारी प्राचार्य शासकीय हाईस्कूल मौरा में पदस्थ किया गया है। उसी माध्यमिक शिक्षक को शासकीय माध्यमिक विद्यालय खड्डी के प्राचार्य का प्रभार क्यों दिया गया है। जबकि शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खड्डी में उच्चतर माध्यमिक शिक्षक एवं माध्यमिक शिक्षक इनसे वरिष्ठ पदस्थ हैं। विधायक द्वारा कारण सहित जवाब देने के अलावा पूरी कार्रवाई की प्रति प्रश्न के साथ उपलब्ध कराने को भी कहा है। बताया जाता है कि चुरहट विधायक के इस सवाल से खुद डीईओ बगले झांकने लगे हैं। दरअसल में पिछले जुलाई से लेकर आज तक दर्जनों प्रभारी प्राचार्य बनाये गये हैं। जिस विद्यालय में वरिष्ठ व्याख्याता, शिक्षक मौजूद हैं वहां भी दूसरों को प्रभार दे दिया गया है। शिक्षा विभाग में संलग्रीकरण का मामला भी काफी सुर्खियों में रहा है। इसीलिये विधायक के सवाल के बाद जवाब देने में पसीना छूट रहा है। 

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