कलेक्टर की कार के सामने लेट गई 85 साल की वृद्धा , गिड़गिड़ाकर मांगा इंसाफ  

कलेक्टर की कार के सामने लेट गई 85 साल की वृद्धा , गिड़गिड़ाकर मांगा इंसाफ  

Bhaskar Hindi
Update: 2019-09-04 07:45 GMT
कलेक्टर की कार के सामने लेट गई 85 साल की वृद्धा , गिड़गिड़ाकर मांगा इंसाफ  

डिजिटल डेस्क, छतरपुर। पट्टे की जमीन के नामांतरण की मांग को लेकर 85 वर्षीय वृद्ध महिला मंगलवार को कलेक्टर की कार के बाहर जमीन पर लेट गई। महिला का आरोप था कि उसकी जमीन का नामांतरण नहीं किया जा रहा है। पिछले कई वर्षों से पटवारी और तहसीलदार के चक्कर लगाकर परेशान हो चुकी है। कलेक्टर मोहित बुंदस ने महिला को उठाकर व्हील चेयर पर बिठाकर उसकी बात सुनी और आवश्यक कार्रवाई के निर्देश दिए। वहीं एसडीएम लवकुशनगर अविनाश रावत ने बताया कि उक्त महिला के पति का पट्टा 1989 में ही निरस्त हो गया था। 30 साल पहले भूमि मप्र शासन दर्ज हो चुकी है, इसलिए नामांतरण किया जाना संभव नहीं है।

रोते हुए बोली-रिश्वत के 5 हजार नहीं, इसलिए नहीं हुआ काम

लवकुशनगर के गुढ़ाकलां गांव की निवासी 85 वर्षीय महिला हस्मत खान पति स्वर्गीय इददू मुसलमान की गांव में एक हैक्टेयर जमीन है। उक्त जमीन महिला के पति इददू मुसलमान के नाम पर है। जिसको महिला अपने नाम कराना चाह रही है। पीडि़ता का कहना है कि वह पिछले कई वर्षों से अपनी पुश्तैनी जमीन का नामांतरण कराने के लिए लवकुशनगर तहसीलदार ये यहां चक्कर लगा रही है, लेकिन पटवारी और तहसीलदार नामांतरण करने के लिए पांच हजार रुपए की मांग करते हैं। महिला का आरोप है कि उसके पास इतने पैसे नहीं है कि वह उन्हे पैसे दे सके। मंगलवार की जन सुनवाई में भी यह महिला कलेक्टर के वाहन के सामने विरोध स्वरूप लेट गई। हालांकि कलेक्टर जब मौके पर आए तो उन्होंने बुजुर्ग महिला को व्हील चेयर पर बैठाया, उसकी बात सुनने के बाद तुरंत कार्रवाई के निर्देश दिए। 

एसडीएम बोले- 30 पहले निरस्त हो गया था पट्टा

लवकुशनगर के एसडीएम अविनाश रावत ने बताया कि गुढ़ाकला में इद्दू मुसलमान को 15 जून 1976 को पट्टा दिया गया था। लेकिन 29 मई 1989 को तत्कालीन कलेक्टर ने यह पट्टा निरस्त कर दिया था। यह भूमि वापस मप्र शासन दर्ज हो गई। इसके विरुद्ध पट्टाधारियों ने इस संबंध में कोई अपील नहीं की है। अत: इतने सालों बाद नामांतरण का दावा नहीं बनता है। इस संबंध में बार एसोसिऐशन के सचिव पंकज पाठक ने बताया कि नियमानुसार तो पट्टा निरस्त होने की अवस्था में निर्धारित अवधि में अपील करना चाहिए। देखने वाली बात यह हो सकती है कि अगर महिला भूमिहीन है और मौके पर काबिज है तो राहत संभव है।
 

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