कोरोना का एक साल - तस्वीर जुदा हालात वही.. आज के ही दिन शहर में आया था प्रदेश का पहला मामला

कोरोना का एक साल - तस्वीर जुदा हालात वही.. आज के ही दिन शहर में आया था प्रदेश का पहला मामला

Bhaskar Hindi
Update: 2021-03-20 09:01 GMT
कोरोना का एक साल - तस्वीर जुदा हालात वही.. आज के ही दिन शहर में आया था प्रदेश का पहला मामला

डिजिटल डेस्क जबलपुर । देश में भले ही कोरोना की आमद जनवरी के आखिर में हुई, लेकिन जबलपुर समेत पूरे मध्य प्रदेश में 19 मार्च तक सब कुछ सामान्य चल रहा था। संक्रमण फैलने की सुगबुगाहट के चलते प्रशासन की नजर विदेश से लौट रहे यात्रियों पर थी। इसी बीच 20 मार्च 2020 को शहर में कोरोना के 4 संक्रमित मिले। यह न सिर्फ शहर बल्कि पूरे प्रदेश के लिए पहले केस थे। शहर में दहशत की स्थिति बनी। इसके एक दिन बाद ही शहर में लॉकडाउन लग गया। सख्ती बढ़ी, लोग घरों में कैद होकर रह गए। शहर ने हजारों मजदूरों का पलायन देखा। उद्योग धंधे बंद रहे। लोग बेरोजगार हुए तो सब्जी के ठेले लगाने लगे। ऑनलाइन कल्चर ने जगह ली, पढ़ाई-लिखाई से लेकर एग्जाम और ऑफिस मीटिंंग्स तक ऑनलाइन हो गईं। वर्क फ्रॉम होम कल्चर के चलते हजारों युवा शहर लौटे। सोशल डिस्टेंसिंग, क्वारंटीन जैसे नए शब्द प्रचलन में आए, जो बाद में लाइफ स्टाइल का हिस्सा बन गए...। शहर में कोरोना महामारी को आज साल भर पूरा हो गया है। मार्च आते ही कोरोना संक्रमण ंफिर से बढ़ा है। शुक्रवार को 116 लोग फिर से पॉजिटिव आ गए हैं। लोग ही नहीं बल्कि शासन और प्रशासन भी सकते में है। प्रदेश सरकार ने भोपाल, इंदौर समेत जबलपुर में भी रविवार 21 मार्च को एक दिन का लॉकडाउन घोषित कर दिया है। 
आग की तरह फैली थी खबर, प्रशासन ने बंद कराया था बाजार  
20 मार्च को चार संक्रमितों के मिलने की खबर आग की तरह फैली। दुबई से लौटे सराफा व्यवसायी, पत्नी और बेटी के साथ संक्रमित मिले, इनके अलावा स्विट्जरलैण्ड से लौटा सिविल लाइन निवासी शोध छात्र कोविड-19 पॉजिटिव मिला। प्रशासन ने आनन-फानन में रात में बाजार बंद करा दिया। इसके बाद संक्रमितों के मिलने का सिलसिला शुरू हुआ। पहले माह में 25 मरीज मिले, जिनमें से ज्यादातर गोलबाजार, सराफा, हनुमानताल जैसे क्षेत्रों से रहे। इसके बाद संक्रमण बढ़ते हुए अन्य क्षेत्रों तक पहुँचा। एक नजर फ्लैश बैक पर- 
20 अप्रैल -  चाँदनी चौक निवासी एक 62 वर्षीय महिला की कोरोना से मौत हुई। मौत के बाद कोविड जाँच रिपोर्ट में पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई।
21 अप्रैल - मेडिकल से भागे कोरोना संक्रमित कैदी को तेंदूखेड़ा बॉर्डर पर पकड़ा गया। कैदी को इंदौर से जबलपुर जेल लाया गया था, जहाँ 11 अप्रैल को वह संक्रमित निकला। इसके बाद उसे मेडिकल में भर्ती कराया गया था।
04 सितंबर - सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल के दूसरे तल में भर्ती भरतीपुर निवासी 64 वर्षीय कोरोना मरीज ने कूदकर आत्महत्या कर ली।
20 सितंबर - कोरोना की पहली लहर के दौरान एक दिन में सर्वाधिक 251 व्यक्ति कोविड पॉजिटिव मिले।
09 अक्टूबर - सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल के दूसरे तल में भर्ती एक 43 वर्षीय कोरोना मरीज ने आत्महत्या की। 
01 दिसंबर - मेडिकल कॉलेज में सीनियर स्टाफ नर्स 42 वर्षीय सुनीता विनीता की उपचार के दौरान मौत हुई।
 

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