प्राण वायु लेकर भेड़ाघाट पहुँची ऑक्सीजन एक्सप्रेस - राहत की खेप: मेडिकल अस्पताल को सौंपे गए दो टैंकर
प्राण वायु लेकर भेड़ाघाट पहुँची ऑक्सीजन एक्सप्रेस - राहत की खेप: मेडिकल अस्पताल को सौंपे गए दो टैंकर
डिजिटल डेस्क जबलपुर । भारतीय रेल कोरोना संक्रमण के दौरान मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई के लिए लगातार ट्रेनों का संचालन कर रही है। इसी कड़ी में शुक्रवार को शाम 5.13 बजे फिर एक ट्रेन बोकारो से दो ऑक्सीजन टैंकरों को लेकर भेड़ाघाट जबलपुर पहुँची। ट्रेन में लदे टैंकरों को रेलवे के द्वारा बनाए गए शेडों में रैम्प के माध्यम से उतारे गए और मेडिकल प्रशासन के अधिकारियों को सौंपा गया। नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में खाली होने के बाद टैंकरों को उसी ट्रेन के माध्यम से वापस बोकारो भेजने की तैयारी की गई। मध्य प्रदेश के लिए दूसरी ऑक्सीजन एक्सप्रेस लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (एलएमओ) से भरे 4 टैंकरों के साथ रो-रो सेवा 29 अप्रैल को रात्रि 9.25 मिनट पर बोकारो से रवाना हुई और 30 अप्रैल को 5 बजकर 13 मिनट पर 864 किलोमीटर का सफर तय करके भेड़ाघाट (जबलपुर) पहुँची। इस ट्रेन में बोकारो से चार टैंकरों को रवाना किया गया था। दो टैंकर जबलपुर के लिए तथा न्यू कटनी से सीधे सागर मकरोनिया के लिए ट्रेन रवाना हो गई थी। इस दौरान रेलवे के अधिकारी तथा स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार उपस्थित थे।
जानकारी और भी
* 23.68 मीट्रिक टन लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन आया शहर।
* सुरक्षा मापदंडों को ध्यान में रखते हुए रूट मैपिंग की गई।
* तेज आवाजाही के लिए ग्रीन कॉरिडोर मुहैया कराया गया।
* बोकारो से होते हुए कोटशीला, झारसुगुड़ा, बिलासपुर, न्यू कटनी से जबलपुर आई ट्रेन।
* रेलवे द्वारा इसकी गति और त्वरण (एक्सेलेरेशन) का विशेष ध्यान दिया गया।
* बोकारो से भेड़ाघाट पहुँचने में 19 घण्टे 48 मिनट्स लगे।
* अन्य रेलवे जोनों के साथ इसके सुगम संचालन में बेहतर तालमेल किया गया।
* चालक दल को बदलने एवं फ्यूल भरने में कम से कम समय लगा।
* सुचारु आवाजाही के लिए भेड़ाघाट शेडों में रैम्प की बेहतर व्यवस्था की गई।