तेंदुए के बाद नयागाँव में लकड़बग्घों की दहशत, वास्तव में था सियारों का झुंड
तेंदुए के बाद नयागाँव में लकड़बग्घों की दहशत, वास्तव में था सियारों का झुंड
डिजिटल डेस्क जबलपुर । रामपुर नयागाँव सोसायटी के लोग तेंदुए की दहशत से अभी तक उबर नहीं पाए हैं, इसी बीच मंगलवार की देर रात एक परिवार ने 20-25 वन्य जीवों के झुंड को देखकर लकड़बग्घा समझ लिया और पूरी कॉलोनी को अलर्ट रहने के लिए कहा, जिसके बाद लोग दहशत में आ गए। तेंदुए के बाद लकड़बग्घे जैसे हमलावर वन्य जीव के क्षेत्र में सक्रिय होने से लोगों ने किसी तरह रात काटी और सुबह वन विभाग में खबर दी। वन विभाग की टीम ने काफी तलाश की लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। जिसके बाद नयागाँव सोसायटी के अध्यक्ष रजत भार्गव ने वन्य प्राणी विशेषज्ञ मनीष कुलश्रेष्ठ से मदद माँगी। श्री कुलश्रेष्ठ अपने सहयोगियों के साथ नयागाँव पहुँचे, उन्होंने पूरे इलाके का भ्रमण किया लेकिन बारिश के कारण बढ़ी हुई झाडिय़ों की वजह से ज्यादा जानकारी नहीं मिल सकी। गुरुवार की सुबह एक बार फिर श्री कुलश्रेष्ठ पहुँचे जिसके बाद एक नाले के किनारे झुंड में घूमने वाले वन्य जीवों के पगमार्क मिले, जिन्हें देखकर पता चला कि वह लकड़बग्घे का नहीं सियारों का झुंड है। इधर वन विभाग की टीम भी तेंदुए की तलाश में लगातार पेट्रोलिंग में जुटी हुई है। श्री कुलश्रेष्ठ ने बताया कि दो दिनों के भ्रमण के दौरान ठाकुरताल की पहाड़ी पर उन्हें कई छोटे वन्य जीव नजर आए, तेंदुआ और वाइल्ड कैट जैसे महत्वपूर्ण जीव पहले से ही यहाँ सक्रिय हैं। वन्य प्राणी विशेषज्ञों का अनुमान है कि बरगी, डुमना, तिलवारा और बरेला से लगे जंगली एरिया का नया कॉरीडोर बनने के कारण ठाकुरताल में वन्य जीवों की संख्या में लगातार इजाफा हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि वन विभाग और प्रशासनिक स्तर पर बेहतर प्रयास किए जाएँ तो भविष्य में ठाकुरताल में पर्यटन की असीम संभावनाएँ बन सकती हैं।