पवार कृषि कानूनों पर कभी बिल नहीं लाए, सिर्फ सुझाव मांगे थे - प्रफुल्ल पटेल 

पवार कृषि कानूनों पर कभी बिल नहीं लाए, सिर्फ सुझाव मांगे थे - प्रफुल्ल पटेल 

Tejinder Singh
Update: 2021-02-05 16:12 GMT
पवार कृषि कानूनों पर कभी बिल नहीं लाए, सिर्फ सुझाव मांगे थे - प्रफुल्ल पटेल 

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राकांपा सांसद प्रफुल्ल पटेल ने देश में चल रहे किसान आंदोलन पर चिंता जताते हुए कहा है कि यदि व्यापक विचार विमर्श के बाद कृषि कानून बनता तो आज ऐसी नौबत नहीं आती। उन्होने सत्तापक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि पूर्व कृषि मंत्री शरद पवार ने कृषि कानूनों पर राज्यों से सिर्फ सुझाव मांगे थे, लेकिन उनके इस पत्र को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।पटेल शुक्रवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर बोल रहे थे। उन्होने कहा कि कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर सहित सत्ता पक्ष के नेताओं ने शरद पवार द्वारा 2007 में राज्यों को लिखे पत्र को खूब उछाला। लेकिन सच्चाई यह है कि तब कृषि मंत्री के रूप में पवार ने राज्यों को ड्राफ्ट बिल भेजकर इस पर उनसे सुझाव मांगे थे, ताकि इस पर बातचीत करके संसद में एक बिल लाया जा सके। पटेल ने कहा कि तथ्य यह है कि किसी कारणवश यह बिल संसद में नहीं आ पाया। लेकिन इस पत्र को ऐसे उछाला जा रहा है जैसे शरद पवार भी यही चाहते थे, जो आज के कृषि कानून में है। राकांपा सांसद ने किसान आंदोलन पर सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि कृषि कानून बनाते यदि सरकार विपक्ष की सलाह मानकर इस विधेयक को सेलेक्ट कमेटी में भेजा होता और विस्तृत चर्चा के बाद इसे पारित कराती तो आज देश में यह स्थिति नहीं बनती।

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