पानी खरीदकर प्यास बुझाने को मजबूर हैं हरिजन बस्ती के लोग

पानी खरीदकर प्यास बुझाने को मजबूर हैं हरिजन बस्ती के लोग

Bhaskar Hindi
Update: 2019-03-28 13:17 GMT
पानी खरीदकर प्यास बुझाने को मजबूर हैं हरिजन बस्ती के लोग

डिजिटल डेस्क, बकस्वाहा। अभी गर्मी ने पूरी तरह से दस्तक भी नहीं दी है और यहां पानी की त्राहि मच गई है। हरिजन बस्ती के लोग तो पानी खरीद कर निस्तार करने के लिए मजबूर हैं। बुंदेलखंड के छतरपुर जिले अंतर्गत आने वाला बकस्वाहा विकास खंड जल संकट से जूझ रहा है। नगर में जलापूर्ति के नाम पर भले ही लाखों का बंदरबांट हो गया हो पर वास्तविक स्थिति आज भी भयावह बनी हुई है। सबसे भयावह स्थिति बक्सवाहा के हरिजन बस्ती की है, जहां बीते 12 वर्षों से नलों में पानी नहीं आया एक एक बूंद को तरसते हरिजन बस्ती के लोगों को पानी खरीदकर गला तर करना पड़ रहा है।

नगर में पेयजल की स्थिति
बकस्वाहा नगरवासियों को लंबे समय से नगर पंचायत 15 दिन में एक बार नलजल उपलब्ध करा पा रही है। ऐसी स्थिति में नागरिक 50 रुपया खर्च करके मात्र 200 लीटर पानी रहे हैं। नगर की स्थिति पर परिषद की जानकारी अनुसार नगर में कुल हैंडपंप 40 हैं। इनमें से केवल 14 चालू हैं।

हरिजन बस्ती के 4 वार्डो का बुरा हाल
नगर के वार्ड नंबर 10,11,14,15 हरिजन बस्ती है, यहां पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पाईप लाईन तो है, लेकिन पाईप लाइन खराब होने के कारण विगत 12 वर्षो से यहां किसी भी वार्ड वासी को पानी नहीं मिल पा रहा है। यहां सिर्फ पानी खरीदना ही आखिरी बिकल्प बचता है। 200 रुपए की मजदूरी करने वाले मजदूर रोज 50 रुपए का पानी खरीदते हैं।

करोड़ों खर्च करने के बाद नही मिला एक बूंद पानी
एक करोड़ 28 लाख की लागत से बनाई गई जल आवर्धन योजना भी यहां के लोगों की समस्या हल नहीं कर पाई। 2005 में तैयार की गई इस योजना का सारा पैसा बंदरबांट में चला गया। टंकी और पाईप लाईन हरिजन बस्ती के वार्ड नंबर 14 में ही बनाई गई थी, लेकिन घटिया पाईप लाईन और घटिया निर्माण के कारण एक बूंद पानी भी नहीं मिल पाया नगर वासियों को। आज भी 2 किलोमीटर दूर पानी भरने जाते हैं हरिजन बस्ती के लोग।

 

Similar News