10 हजार की अनुमति, खोद डाला लाखों क्यूबिक पहाड़
10 हजार की अनुमति, खोद डाला लाखों क्यूबिक पहाड़
खनिज विभाग के जिम्मेदार अधिकारी भी मौन, खुलेआम चल रहा अवैध उत्खनन
डिजिटल डेस्क जबलपुर । शहर से करीब 8 किलोमीटर दूर कटियाघाट ग्राम के एकता मार्केट के समीप फ्लाईओवर से दो सौ मीटर दूर निजी के साथ शासकीय भूमि भी लगी हुई है। निजी भूमि के खसरा नंबर 223 व 53/ 3 में अस्थाई खनिज की अनुज्ञा दी गई थी। अनुज्ञा के साथ शर्त थी कि आप दस हजार क्यूबिक ही खनन कर सकते हैं, पर निजी भूमि के मालिक द्वारा, वहाँ पर लाखों क्यूबिक खनन कर दिया गया। यही नहीं शासकीय जमीन का भी सीना छलनी कर दिया गया। दो खसरे में अनुज्ञा दी गई थी लेकिन अनेक खसरों के पहाड़ों का बुरा हाल भू-माफिया के द्वारा किया जा रहा है। पहाडिय़ों को ऐसा छलनी किया गया है कि वहाँ की जमीन समतल हो गई है और लीज देने वाले जिम्मेदार वहाँ पर कभी चैक करने तक नहीं जाते हैं कि कहाँ खुदाई हो रही है और वहाँ की पहाडिय़ों से निकलने वाली खनिज संपदा का क्या उपयोग हो रहा है।
पहाड़ों को किया जा रहा छलनी
प्राकृतिक सौन्दर्य को निहारने के साथ ही शुद्ध हवा देने वाले पहाड़ों को किस तरह छलनी किया जा रहा है, इसका जीता-जागता उदाहरण शहर के आसपास देखा जा सकता है। कभी विकास के नाम पर तो कभी निजी नामों में चढ़ाकर पहाडिय़ों को समतल करने के नाम पर खेल हो रहा है। शहर से लगे कटियाघाट में अनेक ऊँचे पहाड़ हैं। कई पहाडिय़ाँ शासकीय हैं तो कई निजी हाथों में सौंप दिए गए हैं। गरमी में राहत देने वाले, बारिश के पानी को थामने वाले तथा ठंडक का एहसास दिलाने वाले पर्वतों को नेस्तनाबूद किया जा रहा है।
पूरी रात चल रही जेसीबी
जिन दो खसरे में अनुज्ञा दी गई थी, उनके आलावा भी पूरी रात जेसीबी मशीन से पूरे पहाड़ को खोदा जा रहा है। पूरी रात वहाँ पर खुदाई का काम चल रहा है। स्थिति यह है कि वहाँ की पूरी भूमि को समतल कर दिया गया है। आखिर इस खनिज संपदा को नष्ट करने वाला कौन है, इसके लिए जिम्मेदार कौन है, इसकी जानकारी देने में सब कतरा रहे हैं।
संपदा को नष्ट करने का खेल
आखिर किसके इशारे में खनिज संपदा को नष्ट किया जा रहा है और कौन संरक्षण दे रहा है, अगर इसी तरह खनिज संपदा को ध्वस्त किया जाता रहा तो एक दिन ऐसा आएगा कि जबलपुर शहर को शुद्ध हवा मिलना मुश्किल हो जाएगा। शहर में हरियाली तो वैसे भी नहीं है और जैसे-तैसे शहर के आसपास पहाड़, जंगल हैं, अगर उन पर भी भू-माफिया की नजर लगती रही तो शहर में लोगों का दम घुट जाएगा।
हम कराएँगे परीक्षण
एकता मार्केट के समीप कटियाघाट ग्राम में खसरा नंबर 223, 53/3 में अस्थाई खनिज की अनुमति दी गई है। निजी जमीन मालिक के द्वारा अगर अतिरिक्त खनन किया गया, तो उसके विरुद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
-प्रदीप तिवारी खनिज अधिकारी